रिपोर्टर: रामानंद सागर | एम.डी. न्यूज़, बाराबंकी

बाराबंकी।
जिले में सूदखोरों का जाल इस कदर फैल चुका है कि अब ठेले से लेकर बड़े व्यापारी तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। सूद पर पैसे देने वाले यह लोग ऊंची ब्याज दरों पर रकम देकर व्यापारियों को मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं।
ताज़ा मामला बाराबंकी शहर के प्रसिद्ध कल्पना साड़ी सेंटर से जुड़ा है, जहां दुकान मालिक पवन उर्फ डब्बू जैन के छोटे भाई नीरज जैन ने कथित तौर पर सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
सूदखोरी का बढ़ता जाल
सूत्रों के अनुसार, सूदखोर 10% या उससे अधिक ब्याज दरों पर पैसे देते हैं। इनके पास अपना नेटवर्क है — जिसमें वसूली करने वाले लोग शामिल हैं जो न चुकाने वालों को धमकाते, मारपीट करते और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं।
समय पर ब्याज न देने पर अक्सर पीड़ितों को जबरन ब्लैंक चेक, स्टांप पेपर या प्रॉपर्टी के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं।
सुसाइड नोट और ऑडियो क्लिप में बड़ा खुलासा
पुलिस को नीरज जैन का तीन पन्नों का सुसाइड नोट और करीब 15 मिनट की ऑडियो क्लिप मिली है। इसमें कथित सूदखोर और उसका बेटा नीरज जैन को धमकाते और अपशब्द कहते सुने गए हैं।
सुसाइड नोट में लिखा है —
“अब बर्दाश्त से बाहर हो गया है। व्यापार में घाटा, धमकियां, गाली और सार्वजनिक अपमान ने मेरी जिंदगी नरक बना दी है। सूदखोरों ने धोखे से मेरी दुकान का एग्रीमेंट कर लिया है।”
पुलिस की धीमी कार्रवाई पर सवाल
मृतक के भाई धीरज जैन की तहरीर पर कोतवाली नगर पुलिस ने उमाकांत उपाध्यक्ष, सत्येंद्र उपाध्याय उर्फ बबलू, रंजीत बलराम सिंह, अमरीश रस्तोगी, वीर बहादुर, रंजीत शुक्ला और शुभम वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
हालांकि, घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
व्यापारी वर्ग का आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई में जानबूझकर देरी की ताकि आरोपियों को अग्रिम जमानत लेने का मौका मिल सके।
व्यापारियों में बढ़ा आक्रोश
शहर में इस घटना को लेकर गहरा रोष है। व्यापार मंडल के लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने सूदखोरी पर सख्त कार्रवाई की होती, तो हर्ष टंडन से लेकर अब नीरज जैन तक की जानें नहीं जातीं।
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सूदखोरों के ठिकानों पर छापेमारी कर गरीबों और व्यापारियों के बंधक बनाए गए दस्तावेज बरामद किए जाएं।
