बिलासपुर। भारतीय किसान यूनियन भानू के कार्यकर्ता और पदाधिकारी आज अपने तय कार्यक्रम के अनुसार तहसील परिसर स्थित पार्क में एकत्र हुए। किसानों ने मौजूदा समस्याओं पर चर्चा की और सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तैयार किया। इसके बाद जिला अध्यक्ष मोहम्मद सलीम वारसी के नेतृत्व में किसानों ने नारेबाजी करते हुए उप जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
किसानों की आवाज सुनकर उप जिलाधिकारी अरुण कुमार मौके पर पहुंचे और प्रतिनिधियों से एक-एक मुद्दे पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि सभी बिंदुओं पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। ज्ञापन भी इसी आश्वासन के साथ उन्हें सौंपा गया।
जिला अध्यक्ष मोहम्मद सलीम वारसी ने कहा कि बिलासपुर तहसील के सभी धान क्रय केंद्रों की जांच आवश्यक है। उनका कहना था कि इस समय अधिकांश किसानों के पास धान नहीं है क्योंकि उन्होंने लगभग एक माह पहले ही अपना धान कम दामों पर बेच दिया था। ऐसे में सवाल यह है कि इन केंद्रों पर किसका धान खरीदा जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई किसानों के नाम से जो सत्यापन किया जा रहा है, उनके पास धान था ही नहीं। बिचौलियों, आढ़तियों और राइस मिलों की मिलीभगत से फर्जी सत्यापन कराकर धान केंद्रों पर पहले से खरीदा गया धान तौलाया जा रहा है। जिस समय किसानों के पास धान था, तब खतौनियों का सत्यापन नहीं किया गया।
सलीम वारसी ने यह भी आरोप लगाया कि डांडिया वन क्षेत्र में वन रेंजर की मिलीभगत से कीमती लकड़ी की अवैध कटान हो रही है, जिससे सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है। खैर, शीशम सहित कई पेड़ों को रातों में काटकर तस्करों को बेचा जा रहा है।
बिजली आपूर्ति को लेकर भी किसानों ने नाराजगी जताई। सरकार के निर्देश के अनुसार किसानों को 12 घंटे निर्बाध बिजली मिलनी चाहिए, जबकि ग्रामीण फीडरों पर 6 से 7 घंटे भी ठीक से सप्लाई नहीं मिल पा रही है। इससे सिंचाई प्रभावित हो रही है।
नहरों की सफाई को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए। किसानों ने कहा कि दया भाखड़ा, बाय भाखड़ा, अपर सैंजनी, धीमरी, भिड़ईया सहित कई नहरों की सफाई कागजों में दिखाई गई है। जहां मजदूरों से सफाई होनी थी, वहां जेसीबी चलाकर औपचारिकता पूरी की गई। नहरों की खुदाई मानकों के खिलाफ की गई है और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।
किसानों ने नहरों पर अवैध कब्जों का भी मुद्दा उठाया। प्रथमा बैंक से डाकघर तक नहर को पाटकर स्लैब डाल दिए गए हैं, जिसकी चौड़ाई 6 मीटर होनी चाहिए लेकिन मौके पर डेढ़ मीटर भी नहीं बची है। रामपुर रोड स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप के पीछे जमीन संख्या 63, 88, 89 और 98 पर भी कथित रूप से प्लॉटिंग कर दी गई है। किसानों ने नहर विभाग और लेखपाल पर इसमें मिलीभगत का आरोप लगाया और नहरों को तत्काल कब्जा मुक्त कराने की मांग की।
रामपुरा माइनर, कायमगंज माइनर और गोदी नहर पर भी अवैध कब्जों का मामला उठाया गया। किसानों ने कहा कि इन मार्गों को मुक्त कर पानी टेल तक पहुंचाया जाए, ताकि सिंचाई सुचारू हो सके।
धरने में युवा जिला अध्यक्ष मोहम्मद आसिम राजा, जिला प्रभारी महेश अहमद, नगर प्रभारी मोहम्मद अहमद प्रधान, जिला संगठन मंत्री जगतार सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष सतनाम सिंह, मुबारक हसन, कदीर आलम, मातबूब हसन, हर प्रसाद, गेंडल लाल, अरुण प्रसाद, जमुना प्रसाद, फरहान अली, सरदार अहमद, लियाकत खान, जमील अहमद, सादिक अहमद, नबी, अब्दुल कयूम, अहमद शाह, सपन, राजू, उर्मिला देवी, रेखा रानी, उर्मिला, कालिदासी, रीता रानी, आरिफ अली, बलविंदर सिंह, सचिन सिंह, रईस अहमद और सोनू गुप्ता मौजूद रहे।


