फ़सल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न।

रोहित सेठ

वाराणसी आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, कल्लीपुर, वाराणसी द्वारा जगतपुर इंटर कॉलेज, जगतपुर, वाराणसी पर इन – सीटू फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत विद्यालय स्तरीय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक श्री प्रकाश सिंह ने छात्र/छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि फसल अवशेषों को जलाने कि घटना हमारे देश में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश में होता है। वाराणसी जिले में किसानों द्वारा पराली जलाने कि समस्या न के बराबर है। एक टन धान का पुवाल जलाने से 5 किलोग्राम नाइट्रोजन, 3 किलोग्राम फोस्फोरस, 25 किलोग्राम पोटेशियम तथा 2 किलोग्राम सलफर जल कर राख हो जाता है। इसी प्रकार खेत में पराली के ऊपर पूसा वेस्ट डीकमपोज़र का प्रयोग करके 30 से 35 दिन में सड़कर गल जाता है और इसको मिट्टी में मिलाकर मिट्टी कि उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। गृह वैज्ञानिक डॉ. प्रतीक्षा सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन की तकनीकी पर चर्चा करते हुए फ़सल अवशेष जलाने से होने वाले नुक़सान जैसे कि मृदा, पानी तथा हवा द्वारा प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव पर विस्तार से जानकारी दिया साथ ही हल्दी एवं सहजन के प्रसंस्करण पर विस्तार से बात रखी। कार्यक्रम में केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक ड़ॉ. राहुल कुमार सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन में क़ृषि में मशीनों जैसे कि मल्चर, रोटावेटर, सुपर सीडर तथा हैप्पी सीडर का प्रयोग करके पराली का प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के अध्यापक श्री सूर्यभान पाल ने किया। इस कार्यक्रम में निबंध, क्विज एवं डिबेट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया और पुरस्कार भी वितरण किया गया। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार दिनेश्वर प्रजापति, द्वितीय तेजस्विनी मौर्या एवं तृतीय पुरस्कार अदिति पाल मिला। क्विज प्रतियोगिता में अनंत देव शर्मा, अदिति, अंकित सिंह, रोहित कुमार, एवं हर्षित को पुरस्कृत किया गया वहीं डिबेट प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आनंद देव शर्मा, द्वितीय पुरस्कार हर्षित कुमार तथा तृतीय पुरस्कार तेजस्विनी मौर्या ने प्राप्त किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रवक्ता दुबे ने किया। इस अवसर पर प्रवक्ता मनोज सिंह सहित लगभग 150 छात्र एवं छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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