*लखनऊ✍️ मशहूर   अस्पताल बलरामपुर  में मासूम खुशी की मौत डॉक्टरों की लापरवाही और सरकार की शर्मनाक चुप्पी,*

*निजी-सकारी अस्पतालों में मौत का तांडव, कब जागेगी उत्तर प्रदेश सरकार?*

उत्तर प्रदेश की राजधानी होने का गर्व करता है, आज सरकारी और निजी अस्पतालों में डॉक्टरों की घोर लापरवाही के दलदल में फंस चुका है। बलरामपुर सरकारी अस्पताल का ताजा मामला खून खौलाने वाला है, जहां 14 वर्षीय मासूम खुशी की जान महज डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की आपराधिक लापरवाही के कारण चली गई। पीड़ित भाई सुमित सोनकर का आरोप है कि डॉ. आर.एन. मिश्रा और ड्यूटी पर तैनात नर्सें न सिर्फ लापरवाह थे, बल्कि उस वक्त अस्पताल परिसर से नदारद थे, जब खुशी जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। सुमित ने वजीरगंज पुलिस और अस्पताल निदेशक को शिकायत पत्र सौंपकर इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन सवाल यह है, क्या यह शिकायत भी फाइलों में दफन हो जाएगी? यह कोई इकलौता मामला नहीं है। हयात और ऑक्सीजन जैसे निजी अस्पतालों में लापरवाही के पुराने मामले अभी तक अनसुलझे हैं, और सीएमओ की कथित जांच बस कागजी खानापूरी बनकर रह गई है। सरकारी अस्पताल, जो गरीबों की आखिरी उम्मीद होते हैं,

रिपोर्टर मो शाबान

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