अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव, 2027 के विधानसभा चुनाव और विधान परिषद की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ तालमेल मजबूत करने की रणनीति बना ली है। रविवार को राजधानी के निराला नगर स्थित संघ कार्यालय में भाजपा और संघ के पदाधिकारियों की समन्वय बैठक होगी। इसमें दोनों संगठन मिलकर चुनावी रणनीति तैयार करेंगे और विपक्षी दलों के हमलों का जवाब देने की रूपरेखा तय करेंगे। हालांकि, चुनावी मैदान में सामने केवल भाजपा ही दिखेगी।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह समेत सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों के अलावा संघ के करीब 32 आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
हाल ही में जोधपुर में हुई संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय समन्वय बैठक में भाजपा और संघ के बीच तालमेल को और मजबूत करने पर मंथन हुआ था। उसी क्रम में यूपी में यह बैठक आयोजित की जा रही है। बताया जा रहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं पर हाल ही में हुए लाठीचार्ज से उपजे असंतोष को कम करने पर भी चर्चा हो सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में संघ की उपेक्षा भाजपा को महंगी पड़ी थी। इस बार पार्टी और संघ दोनों मानते हैं कि एकजुट होकर ही सपा के पीडीए फार्मूले को मात दी जा सकती है और पंचायत व एमएलसी चुनाव में बढ़त हासिल की जा सकती है।
पार्टी की प्राथमिक चुनौती इन चुनावों में मजबूत प्रदर्शन करना है, ताकि विधानसभा 2027 की राह आसान हो सके। ऐसे में भाजपा और संघ का यह साझा समन्वय आने वाले समय में यूपी की राजनीति में अहम भूमिका निभाएगा।
रिपोर्ट शिवम् गुप्ता

