गांवों में पंचायत चुनाव की हलचल, बढ़ रहें उम्मीदवार
लखीमपुर-खीरी। जनपद लखीमपुर खीरी में चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे प्रधान बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य के उम्मीदवारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती नजर आ रही है। नये उम्र के युवा प्रधान बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने गांव के भलाई के प्रति कुछ करने की ललक या खुद को नेता नगरी में लाना उद्देश्य है। लेकिन आजकल इंस्टाग्राम फेसबुक पर व सोशल मीडिया पर AI का ट्रेंड था लेकिन आजकल युवा नेता का AI ट्रेंड जैसे उम्मीदवार आ रहे हैं।
भारत की जनता साइंटिस्ट, डाक्टर मास्टर, इंजीनियर, पुलिस आफिसर, वकील, आर्मी आदि में रुचि न लेकर युवा नेता बनने में लगे हुए हैं, क्या हिन्दुस्तान सिर्फ नेताओं की संख्या बढ़ाएगी या कोई देशभक्त, कोई देश का नाम रौशन नहीं करेगा।
पंचायत चुनाव भले ही 2026 में होने हैं, लेकिन गांवों में अभी से चुनावी हलचल शुरू हो गई है। प्रधान पद,बीडीसी व जिला पंचायत के संभावित उम्मीदवार गांव-गांव बैठकें कर रहे हैं और लोगों से वोट की अपील करने लगे हैं। गांवों में आयोजित बैठकों में उम्मीदवार अपने-अपने वादे और दावे पेश कर रहे हैं। कोई विकास कार्यों की बात कर रहा है, तो कोई बेरोजगारी और स्वास्थ्य सुविधाओं को चुनावी मुद्दा बना रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार युवाओं और महिलाओं से जुड़ी योजनाएं भी प्रमुख रूप से चर्चा में हैं। सोशल मीडिया भी प्रचार का अहम साधन बन गया है। गांव के लोगों को गांव को स्वच्छ और निर्मल बनाने का आश्वासन दे रहे हैं।
भावी उम्मीदवार फेसबुक और व्हाट्सऐप पर वीडियो व पोस्ट साझा कर रहे हैं, जिनमें वे लोगों का समर्थन और भीड़ दिखाकर अपनी लोकप्रियता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीदवार अभी से वोट मांगने लगे हैं। हर बैठक में वही वादे दोहराए जाते हैं, जो पिछले चुनावों में भी किए गए थे। वहीं, सोशल मीडिया पर कुछ ग्रामीणों का कहना है कि हमें अब सिर्फ वादे नहीं, बल्कि काम चाहिए। जो भी ईमानदारी से काम करेगा, उसी को समर्थन मिलेगा। फिलहाल, चुनावी रणभेरी भले ही औपचारिक रूप से न बजी हो, लेकिन गांवों में माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंगता जा रहा है। उम्मीदवारों ने प्रचार प्रसार की शुरुआत कर दी है और वोटरों को लुभाने की कवायद तेज हो गई है। चुनाव की भागदौड़ गांवों में नजर आने लगी है गांव के लोगों को हर तरह की उम्मीद देने में लगे उम्मीदवार हैं। नई सोच नई उम्मीद के साथ नये चेहरे देखने को अभी आ रहे हैं, क्या नेता नगरी में लगे हैं या गरीब जनता को न्याय और सुविधाएं प्रदान करेंगे।
अंशू तिवारी
