काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एनएसएस के सहयोग से ‘खादी मैराथन’ का आयोजन।

सेवापुरी में केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने लाभार्थियों को 300 आधुनिक विद्युत चालित चाक का किया वितरण।

17 सितंबर से 23 अक्टूबर तक केवीआईसी देशभर में ‘खादी महोत्सव-2025’ का आयोजन कर रहा।

अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी मंत्र से प्रेरित होकर ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ अभियान को जन-जन तक पहुंचाना है संकल्प.।

अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जीएसटी सुधार खादी जगत के लिए ऐतिहासिक कदम, खादी उत्पादों पर जीएसटी शून्य, कारीगरों को होगा लाभ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर, बुधवार को उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी से खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘सेवा पर्व’ के अंतर्गत ‘खादी महोत्सव-2025’ का शुभारंभ किया। इस बार ‘खादी महोत्सव-2025’ की थीम प्रधानमंत्री के स्वदेशी मंत्र से प्रेरित होकर ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ रखी गई है। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) विभाग के सहयोग से केवीआईसी के मंडलीय कार्यालय वाराणसी द्वारा आयोजित ‘खादी मैराथन’ से हुई। वहीं, शाम को खादी एवं ग्रामोद्योग विद्यालय, सेवापुरी में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत कुम्हार सशक्तिकरण कार्यक्रम द्वारा प्रशिक्षित कुम्हारों को 300 आधुनिक विद्युत चालित चाक वितरित किए गए।प्रातः मालवीय भवन से एम्फीथिएटर तक खादी मैराथन का आयोजन किया गया। खादी मैराथन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार थे। अध्यक्ष केवीआईसी के साथ बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मैराथन का उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देना और देश में आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त करना था। मैराथन के बाद बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने ‘स्वदेशी प्रतिज्ञा’ लेकर खादी और स्वदेशी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाने के लिए अध्यक्ष केवीआईसी ने स्वयं भी मैराथन में भाग लिया।मैराथन में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। पुरुष वर्ग में प्रथम स्थान राजेश यादव, द्वितीय स्थान अमन मौर्या तथा तृतीय स्थान वीरेंद्र सिंह को मिला जबकि महिला वर्ष में प्रथम स्थान निवेदिता राय, द्वितीय स्थान सुश्री दीचान अर्गमा (Ms. Deachan Argma) और तृतीय स्थान सुश्री छितियशा भुजेल (Ms. Chhitiysha Bhujel) को प्राप्त हुआ। मैराथन समाप्त होने के बाद सभी प्रतिभागियों ने स्वदेशी प्रतिज्ञा ली और स्थानीय उत्पादों को अपनाने का संकल्प व्यक्त किया। इस अवसर पर अध्यक्ष केवीआईसी ने छात्रों से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी मंत्र से प्रेरित होकर केवीआईसी ने खादी महोत्सव-2025- ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ अभियान की शुरूआत की है। इसे जन-जन तक पहुंचाना सभी का कर्तव्य है। इस अवसर पर बीएचयू एनएसएस विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग के प्राध्यापक और कर्मचारी उपस्थित रहे।शाम को सेवापुरी में कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत वाराणसी, जौनपुर एवं भदोही जिले के 300 कारीगरों को प्रशिक्षण उपरांत विद्युत चालित चाक वितरित किए गए। इस अवसर पर अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कुम्हारों को बधाई देते हुए कहा कि आज जिन 300 कुम्हारों को आधुनिक विद्युत चालित चाक प्रदान किए जा रहे हैं, वे उनके जीवन में नया आधार, आत्मविश्वास और
सम्मान का संचार करेंगे। ग्रामीण भारत की समृद्धि का मार्ग इन्हीं कुशल हाथों से होकर गुजरता है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार स्वदेशी को आत्मनिर्भर भारत का आधार बताया है। स्वदेशी केवल उत्पाद नहीं, आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। अपने गांव, अपने कारीगर और अपने उद्योग को प्राथमिकता देना हम सबका कर्तव्य है। इसी भावना से ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ अभियान चलाया जा रहा है, जिससे स्थानीय कारीगरों का सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण संभव हो सके।
केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी सुधार खादी जगत के लिए ऐतिहासिक कदम है। अब खादी उत्पादों पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है, जिससे खादी कारीगरों और उद्योग को सीधे लाभ मिलेगा। इस निर्णय से खादी के उत्पादन, बिक्री और लोकप्रियता में वृद्धि होगी और देशभर में खादी के प्रति लोगों की रुचि और जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से खादी और ग्रामोद्योग ने गांव-गांव तक ‘कारीगर क्रांति’ की एक नई अलख जगाई है। वित्तवर्ष 2024-25 में खादी और ग्रामोद्योग का कुल उत्पादन 1,16,599 करोड़ रुपये और बिक्री 1,70,551 करोड़ रुपये रही है, जिससे करीब 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिला।” उन्होंने आगे कहा, “पिछले 11 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्पादन 4 गुना, बिक्री 5 गुना और रोजगार 49 प्रतिशत तक बढ़ा है। यह अभूतपूर्व प्रगति प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुए आर्थिक और सामाजिक बदलाव की मिसाल है। उत्तर प्रदेश में खादी और ग्रामोद्योग की उपलब्धियों को गिनाते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि यहां पर आयोग द्वारा 500 से अधिक खादी संस्थाओं के माध्यम से 1.70 लाख से अधिक कारीगरों को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। वाराणसी मंडल में 29,845 कारीगरों के साथ 111 संस्थाएं कार्यरत हैं। ग्रामोद्योग विकास योजना और स्फूर्ति योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण, कार्यशील पूंजी, विपणन सहायता और आधुनिक उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं। पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत पिछले वर्ष 60,478 से अधिक रोजगार सृजित किए गए, जबकि चालू वर्ष में अब तक 57,552 से अधिक रोजगार प्रदान किए जा चुके हैं। काशी पॉटरी क्लस्टर जैसे क्लस्टरों का विकास कर स्वदेशी उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो रही है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कारीगर, महिला लाभार्थी, खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, अन्य ग्रामीण उद्यमी तथा उत्तर प्रदेश सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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