ब्रेकिंग न्यूज़ संवाददाता—– एम डी न्यूज़ जनपद रामपुर से
रामपुर, 23 सितंबर 2025:
आज अंबेडकर पार्क, रामपुर में भारतीय किसान यूनियन भानू की पंचायत ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में अचानक आई आपदा के कारण हुए भारी नुकसान पर जोरदार चर्चा की। इस दौरान किसानों ने सरकार से तत्काल कार्रवाई और मुआवजा देने की मांग की।
रामपुर से रफीउल्लाह खान की स्पेशल रिपोर्ट—

–पंचायत के प्रमुख राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ वारसी के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी जोरदार नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने नारे लगाये: “वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा”, “कर्ज माफ जरूरी है”, तथा “भारत के चार सिपाही – हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई”.

किसानों की आवाज सुनकर एसडीएम मौके पर पहुंचे और उनकी समस्याओं को सुना। इसके बाद किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित 6 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।

मोहम्मद हनीफ वारसी ने कहा कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में अचानक आई बाढ़ ने किसानों-मजदूरों और व्यापारियों की पूरी जिंदगी तबाह कर दी है। मकान, दुकान, ट्रैक्टर, गाड़ियां, पशु, अनाज और खेती का सारा सामान बह गया। खेतों में 2-2 फीट पानी जमा हो गया है, जिससे खेती कई साल तक प्रभावित रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को प्रति किसान दो करोड़ रुपए मुआवजा, मुफ्त खाद, बीज, कीटनाशक दवाइयां, डीज़ल, और घर बनाने की सामग्री सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाए।

वारसी ने किसानों की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि महंगे डीज़ल, खाद और कीटनाशक दवाइयों के कारण किसान भारी घाटे में हैं। उन्होंने मांग की कि पूरे देश में किसानों का कर्ज एक बार पूर्ण रूप से माफ किया जाए। इसके साथ ही डीज़ल और पेट्रोल पर 18% GST लागू किया जाए और कृषि मशीनरी को GST से बाहर रखा जाए।

धरना प्रदर्शन में राष्ट्रीय महासचिव शोएब इजहार ठाकुर, अमरपाल सिंह, मोहम्मद सलीम, भारती हड़ताल सिंह यादव, रईस अहमद, मोहम्मद अहमद, अब्दुल हसन, फरहत अली खान, कबीर आलम, राजू मुराद खान, रिजवान अली, सोनू, अकील खान, आकिला बेगम, अफसाना सुहाना बेगम, बुरी नसरीन, दीनानाथ, नासिर, गुफरान अली, राम चरण, जसवीर सिंह, वजीर सिंह, अवतार सिंह, मुबारक हसन, शाकिर अली, मतलब हसन, लियाकत खान, साबिर अली, रामकिशन, मुख्तियार अहमद, हरिश्चंद्र, शमशाद सिद्दीकी शामिल रहे।

किसानों का यह प्रदर्शन स्पष्ट संदेश है कि वे अपनी जायज मांगों के लिए लगातार संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि केवल सरकार की सक्रिय कार्रवाई और तुरंत मुआवजा मिलने से ही उनकी जीवन-यात्रा सामान्य हो पाएगी।

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