रामनगर बाराबंकी ग्रामीण क्षेत्र में दो दिन से रुक रुक कर हो रही रिमझिम बारिश ने किसानों के चेहरे पर मायूसी ला दी जहां अभी किसान की खेतों में धान की फसल लगी हुई है जिसको लोग अभी तक काट नहीं पाए हैं और जिन लोगों ने काट करके खेत में डाल दिया है उसके बाद हो रही बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान हो रहा है किसानों को इस बार धान की अच्छी फसल हुई है जहां लोग एक तरफ बाढ़ से डर रहे थे कि घाघरा नदी के द्वारा छोड़े गए पानी से हर साल किसानो की धान की फसल नष्ट हो जाती थी इस बार बाढ़ के पानी के प्रकोप से तो फसल बच गई और किसानो की उपज अच्छी हुई है लेकिन बे मौसम बारिश ने किसानों के चेहरों की हंसी छीन ली है बहुत से किसानों की फसल कट गई है जो की खेत में अभी तक पड़ी हुई है किसान सोच रहे थे कि जब अच्छी धूप होगी फसल सूख जाएगी तब इसे तैयार किया जाएगा लेकिन उनके मंसूबों पर पानी फिर गया खेत में पड़ी फसल और लगातार हो रही बारिश से किसानो की फसल खेत में सड़ने के कगार पर है जहां अभी बहुत से ऐसे किसान हैं जिनकी फसल अभी तक खेत में ही खड़ी है जिसको वह अभी तक काट नहीं पाए हैं उन लोगों के चेहरे पर मायूसी झलक रही है जहां एक तरफ बारिश ने मौसम में परिवर्तन करके ठंड को भी बढ़ा दिया है आज के समय में खेत में फसल उगाना इतना आसान नहीं है जहां लोग जानवरों से अपनी फसल की रक्षा रात भर जाग जाग कर रहे हैं वहीं कुछ किसान यूरिया खाद के लिए हफ्तों लाइन में लग रहे भटकते रहे तब जाकर उन्हें यूरिया खाद मिली और अपने खेत में फसल उगा पाए हैं लेकिन बे मौसम हो रही बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया।

रिपोर्टर रामानंद सागर

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