रिपोर्ट हरेन्द्र प्रताप सिंह
एमडी न्यूज़ बिजुआ
बिजुआ खीरी। बिजुआ विकास खंड के मालपुर कस्बे में मंगलवार शाम एक राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हुए इस आयोजन में विभिन्न कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा। सम्मेलन में कवियों ने देशभक्ति, भाईचारा, प्रेम और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कविताएं प्रस्तुत कीं। श्रोताओं ने हर रचना पर तालियों से कवियों का उत्साहवर्धन किया।
कवि संदीप कटियार ने मां के प्रेम पर आधारित अपनी रचना सुनाई, जिसमें उन्होंने मां की ममता और विपदाओं को हरने की शक्ति का वर्णन किया। अतुल मिश्र “मधुकर” ने धर्मग्रंथों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बाइबिल, कुरान और गीता के ज्ञान को एक पलड़े में तौलने की बात कही।
एहतिशान लखीमपुरी ने सामाजिक विसंगतियों पर एक मार्मिक कविता पढ़ी। इसमें उन्होंने कूड़ेदान में मिली बच्ची के माध्यम से मां की ममता और समाज की संवेदनहीनता पर सवाल उठाए। आलोक गंजरहा ने प्रेम संबंधों पर व्यंग्यात्मक शैली में अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने हिम्मत और बलबूते की आवश्यकता पर जोर दिया।


संदीप शरारती रायबरेली ने दोस्ती और मानवीय संबंधों पर हास्यपूर्ण कविताएं सुनाईं, जिसमें उन्होंने दोस्तों को खजाने की तरह बताया। संदीप मोहन ने राजनीतिक व्यंग्य प्रस्तुत करते हुए भाजपा सरकार और यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर कटाक्ष किया।
गीता गंगवार बरेली ने वादे निभाने और जुबान रखने के महत्व पर जोर दिया। वंदना ओजल “लखनऊ” ने नफरत के शहर में जीवन को व्यर्थ न करने का संदेश दिया।
प्रमोद कुशवाहा उन्नाव ने अपनी रचना में कहा: “यूं तो दुनिया में माने जाते हैं अनेकों धर्म, किंतु राष्ट्र धर्म से बड़ा न कोई धर्म है।”
संदीप मोहन ने अपनी कविता में देश और सेना के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा: “नजर घिनौनी हैं रखते जो कश्मीर की घाटी के, वीरों के बलिदान दिखते भारत की परिपाटी के। सेना के साहस पर ऊँगली करते हैं जो लोग यहाँ, उनके बाप नहीं हो सकते अपने देश की माटी के।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा नेता धर्मेंद्र गिरी उर्फ मोंटी भईया थे। विशिष्ट अतिथियों में ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि वीरेंद्र भूषण राज, भाजपा नेता दिनेश गुप्ता, रमेश वर्मा व इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे रामबिलास सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

