लखनऊ। प्रदेश में अब पात्र वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन के लिए अलग से आवेदन नहीं करना होगा। फैमिली आईडी एक परिवार-एक पहचान के आधार पर उन नागरिकों की सूची स्वतः तैयार होगी जिनकी आयु अगले 90 दिनों में 60 वर्ष होने वाली है। इसके बाद पात्र व्यक्ति की सहमति से पेंशन स्वीकृत की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। नई व्यवस्था के तहत फैमिली आईडी के आधार पर तैयार सूची एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के माध्यम से समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर भेजी जाएगी। विभाग एसएमएस, व्हाट्सएप और फोन कॉल जैसे डिजिटल माध्यमों से पात्र नागरिकों से सहमति लेगा।

डिजिटल रूप से सहमति नहीं मिलने पर ग्राम पंचायत सहायक, कॉमन सर्विस सेंटर या विभागीय कर्मचारी पात्रों से सहमति के लिए भौतिक रूप से संपर्क करेंगे। दोनों स्तरों पर सहमति न मिलने पर ऐसे नाम प्रक्रिया से हटा दिए जाएंगे।

समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सहमति मिलने के बाद योजना अधिकारी 15 दिनों के भीतर डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से पेंशन स्वीकृत करेंगे और स्वीकृति पत्र लाभार्थी को डाक से भेजा जाएगा। भुगतान सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा और हर किस्त की जानकारी एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध होगी। सरकार एक मोबाइल एप भी उपलब्ध कराएगी, जिसमें लाभार्थी पासबुक की तरह अपने सभी भुगतान देख सकेंगे। जैवता (जीवित होने का) प्रमाणपत्र भी अब एप के माध्यम से वरिष्ठजन जमा कर सकेंगे।

फैमिली आईडी पर परिवार का हर जरूरी ब्योरा : एक परिवार-एक पहचान के लिए सरकार ने फेमिली आईडी की व्यवस्था शुरू की है। इसके अंतर्गत परिवार के सदस्यों का आधार प्रमाणीकृत विवरण, आय व जाति आदि जानकारियां फेमिली आईडी प्रणाली से लिंक होंगी। प्रदेश सरकार फेमिली आईडी के आधार पर अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को चिह्नित कर उन्हें विभिन्न लाभार्थीपरक योजनाओं से जोड़ेगी।

इन स्थितियों में समाप्त होगी पेंशन: कैबिनेट से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि वार्षिक सत्यापन, मृत्यु, स्वयं मना करने जैसी स्थितियों में पेंशन समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा आयकरदाता होने का डाटा मिलने पर पेंशन को अस्थाई रूप से रोका जा सकता है और संदेह दूर होने पर इसे पुनः शुरू किया जा सकता है।

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