कैराना (शामली)। कैराना कोर्ट परिसर में आज संविधान दिवस बड़े ही गरिमापूर्ण, शिक्षाप्रद और उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन अधिवक्ता परिषद ब्रज शामली इकाई एवं बार एसोसिएशन कैराना के संयुक्त तत्वाधान में किया गया, जिसमें न्यायिक जगत से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों, न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं तथा छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे माननीय न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रयागराज। उन्होंने संविधान के मूल मूल्यों, नागरिक कर्तव्यों, लोकतंत्र की मजबूती और न्यायपालिका की भूमिका पर विस्तृत व प्रेरणादायक संबोधन दिया। न्यायमूर्ति ने कहा कि भारतीय संविधान विश्व के सबसे प्रगतिशील और सशक्त संविधानों में से एक है, जिसने भारत को लोकतांत्रिक दिशा और स्थिरता प्रदान की है।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख हस्तियां
श्याम सिंह, महामंत्री, अधिवक्ता परिषद शामली इकाई
विभोर पुण्डीर, अध्यक्ष, अधिवक्ता परिषद शामली इकाई
विपिन त्यागी, क्षेत्रीय मंत्री (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड), अधिवक्ता परिषद
माननीय जनपद न्यायाधीश ब्रिजेश कुमार
माननीय जनपद न्यायाधीश इन्दु प्रीत सिंह
रामकुमार चौहान, महासचिव, बार एसोसिएशन कैराना
रामकुमार वशिष्ठ, एडवोकेट
छात्रों से संवाद और विशेष सत्र
कार्यक्रम की विशेष आकर्षण रहा न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता का स्थानीय स्कूलों से आए छात्र-छात्राओं के साथ संवाद। उन्होंने शिक्षा के महत्व, संविधान के मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों, तथा न्याय और सत्य की राह पर चलने के महत्व पर विशेष रूप से चर्चा की।
छात्रों ने न्यायमूर्ति से उत्साहपूर्वक सवाल पूछे और उनका आत्मीयता से उत्तर पाकर प्रेरित हुए। कई छात्रों ने न्यायमूर्ति से छायाचित्र और ऑटोग्राफ भी लिया।
अधिवक्ताओं का आत्मीय स्वागत
तहसील कैराना के अधिवक्ताओं ने मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति का भव्य स्वागत करते हुए उन्हें भगवान गणेश जी की प्रतिमा भेंट की।अधिवक्ताओं ने न्यायमूर्ति से न्यायपालिका में नैतिकता, प्रोफेशनल जिम्मेदारियों और समाज में वकीलों की अहम भूमिका पर मार्गदर्शन प्राप्त किया।
न्यायमूर्ति ने अधिवक्ताओं से जनपद में चल रहे न्यायिक कार्य, लोगों की समस्याओं और न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के विषय में विस्तार से बातचीत की।
प्रस्तावना का वाचन और संकल्प
कार्यक्रम के दौरान संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया। इसमें उपस्थित सभी न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और छात्रों ने न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने, विधिक जागरूकता फैलाने और संविधान के आदर्शों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का समापन
अधिवक्ता परिषद व बार एसोसिएशन ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल संविधान की आत्मा को समझने में मदद करते हैं, बल्कि समाज में विधिक जागरूकता को भी मजबूती प्रदान करते हैं।

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