बदायूं, नियमित चलने वाली योग कक्षा बदायूं ऑडिटोरियम में आज आदरणीय आचार्य बालकृष्ण जी का जन्मदिन जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। आचार्य जी ने सामान्य परिवार में जन्म लिया था। परन्तु अपने कठोर परिश्रम, पुरुषार्थ और दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते आज उनकी गिनती जाने माने उद्योग पतियों में की जाती है। आयुर्वेद के ज्ञान में भी विश्व के चुनिंदा व्यक्तियों में आपका नाम है। उनके द्वारा अधिकाधिक वृक्ष लगाने पर जोर दिया जाता है। टीवी चैनल के माध्यम से भी जड़ी बूटी के संबंध में ज्ञान वर्धक जानकारी दी जाती है।

उनके द्वारा वृक्षों के बारे में बताया जाता है कि एक पुत्र की परवरिश करने के उपरांत वह विदेश अथवा देश में ही कहीं दूर चला जाता परन्तु एक वृक्ष जहां लगाकर पालपोष कर बड़ा किया जाता है। वह जीवनपर्यंत अपनी छाया, फल, फूल, औषधियों से मनुष्यों को सुख देता रहता है। आजकल परिवारों द्वारा अपने बच्चों का जन्मदिन केक काटकर मोमबत्ती बुझाकर मनाया जाता है ।

परन्तु आचार्य जी का जन्मदिन हमेशा जड़ी बूटी पेड़ आदि लगाकर मनाया जाता है। इसी परिपेक्ष में योग स्थल परिसर में लगभग 35 से 40 प्रकार की जड़ी बूटी यथा पत्थरचट्टा, हरसिंगार, सदाबहार, एलोवेरा, तुलसी आदि के पौधे लगाए गए हैं। आज भी कई प्रकार के पौधे लगाए गए एवं पत्थरचटटा ,सुगरप्लाण्टध्, अश्वगन्धा जोड़ा तोड़ा के लाभों के बारे में विस्तार से समझाया गया हैं। पौधे लगाने में आवेशपाल, मदन लाल पाल, महेंद्रपाल, सत्यप्रकाश, सुरेंद्रपाल, प्रेमचंद पाल एवं गिरधारी सिंह राठौर उपस्थित रहे।

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