लखनऊस्वच्छता और सुंदरता में तीसरे पायदान पर पहुंची राजधानी लखनऊ की असल तस्वीरें जिसके लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महोदिया ने ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा को सम्मानित भी किया इस सराहनीय कार्य और राजधानी लखनऊ को तीसरे पायदान तक पहुंचाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जा चुका है तब से लेकर आज तक अपनी पीठ खुद ही सब थपथपा रहे हैंलेकिन राजधानी लखनऊ के हर निवासी के मन में एक सवाल? कल तक जो राजधानी स्वच्छता और सुंदरता के मामले में 46वे पायदान पर थी वह अचानक बिना कुछ बदले तीसरे स्थान पर कैसे पहुंच गई आखिर राजधानी लखनऊ में क्या कुछ ऐसा बदल गया की राजधानी लखनऊ को सुंदरता और स्वच्छता में तीसरा स्थान मिल गयाक्या यह तीसरा स्थान उन क्षेत्रों को देखकर दिया गया है जिसे जी समिट के दौरान शासन के आदेशों पर सजाया वा संवारा गया थाउस समय भी नगर निगम ने अपनी कमियां बड़ी-बड़ी होल्डिंग लगाकर छिपाई थी पिछले 10 साल से बाबा योगी आदित्यनाथ लगातार राजधानी की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के आदेश करते रहें लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया राजधानी लखनऊ की समस्त सड़कों पर आज भी बड़े-बड़े गड्ढे हैं जिसमें हिचकोले लेता राजधानी का निवासी चलने को विवश है जगह-जगह जल सड़कों पर बहता सीवर का गंदा पानी आज भी आम नागरिक के घरों तक पहुंच रहा है जगह-जगह कूड़े के ढेर बरसात के इस मौसम में घरों में मच्छरों की भरमार नगर निगम की फॉगिंग मशीन का अभी तक क्षेत्र में ना दिखाई देनादिन भर न जाने कितने ई रिक्शा इन गड्ढों की चपेट में आकर पलट रहे हैं और सवारियां चोटिल हो रही है अतिक्रमण की भेंट चल चुकी पूरी राजधानी जिसके कारण दिन भर जाम से जूझता आम नागरिक कैसरबाग बस अड्डा, चारबाग बस अड्डा, एवं आलमबाग बस अड्डा, इन सभी बस अड्डों पर आज भी रोड को बाधित कर बस चालक एवं कंडक्टर की मनमानी से सड़क को बाधित कर सवारियां भरी जा रही है जबकि लखनऊ डीएम विशाल जी ने स्वयं द्वारा कैसरबाग बस डिपो का निरीक्षण कर आदेशित किया था कि किसी भी बस का संचालन बस अड्डे के बाहर नहीं होगा अगर कोई भी बस बाहर सवारियां भारती पाई जाएगी ऐसी स्थिति में बस ड्राइवर के लाइसेंस होगे निरस्त कंडक्टर पर होगी कार्यवाही लेकिन डी एम के आदेश के बाद भी स्थिति नहीं बदली और आज भी यथा स्थिति बनी है यही वजह है आज लखनऊ का हर नागरिक यह सवाल पूछता है शासन को गुमराह कर प्रशासन ने कैसे राजधानी लखनऊ को स्वच्छता और सुंदरता में तीसरा स्थान दे दिया अगर यह घोषणा राजधानी के उन क्षेत्रों को देखकर की गई है जिन्हें सरकार ने ज़ी समिट के समय सजाया और सावरा था तो यह राजधानी वासियों के साथ छलावा है क्योंकि राजधानी की 80% आबादी जिन क्षेत्रों में रहती है वहां का निवासी आज भी समस्याओं से जूझ रहा है


