60 से अधिक परिसंपत्तियों का ध्वस्तीकरण पूरा, शेष कार्य तेजी से गतिमान

बाराबंकी। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने रामनगर स्थित श्री लोधेश्वर महादेवा मंदिर परिसर में प्रस्तावित महादेवा कॉरिडोर के निर्माण हेतु भूस्वामियों को मुवावजा वितरण के पश्चात परिसंपत्तियों के ध्वस्तीकरण के कार्यों का आज स्थलीय निरीक्षण किया। उनके साथ संयुक्त मजिस्ट्रेट सुश्री गुंजिता अग्रवाल, कार्यदायी संस्था सी एंड डी एस के अभियंता, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था द्वारा तैयार की गई ले-आउट/ ड्रॉइंग और डिजाइन का स्थल पर अवलोकन करते हुए अधिकारियों से जमीनी स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि महादेवा कॉरिडोर परियोजना श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसका उद्देश्य उन्हें बेहतर, सुगम और आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। इसलिए सभी निर्माण कार्य ड्रॉइंग के अनुरूप योजनाबद्ध तरीके से किए जाए और तय समयसीमा में शिलान्यास पूर्व आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली जाए।

उन्होंने अधिग्रहणित परिसंपत्तियों के ध्वस्तीकरण की प्रगति की समीक्षा की और बताया गया कि अब तक 60 से अधिक मकान एवं दुकानों को हटाया जा चुका है। शेष परिसंपत्तियों पर कार्रवाई तेजी से जारी है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित कॉरिडोर में पड़ने वाले पेड़ो को बचाने के लिए हरसम्भव प्रयास किये जाय जिससे कि कॉरीडोर को हराभरा रखा जा सके। साथ ही उन्होंने मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत मार्ग, पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं की रूपरेखा का भी अवलोकन किया।

इस दौरान परिसर के आस-पास की रिक्त भूमि का निरीक्षण कर अधिकारियों को एक विस्तृत और समग्र कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की ओर से अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की कार्रवाई तीव्र गति से की जा रही है। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य को मानक की विशिष्टताओं के अनुरूप समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। उन्होंने विश्वास जताया कि महादेवा कॉरिडोर पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं को एक व्यवस्थित, सुंदर और सुविधाजनक वातावरण प्राप्त होगा तथा धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।

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