थाना खीरी में तिवारी की तैनाती ने बदला माहौल, अपराध थमे, सुरक्षा बढ़ीजनता का भरोसा लौटा, अपराधियों में पुलिस का खौफ गहरायामोहम्मद असलमलखीमपुर खीरी। अपराध रोकथाम और जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानने वाले थाना अध्यक्ष निराला तिवारी जब से खीरी थाने की कमान संभाली है, तभी से पूरे क्षेत्र का माहौल बदलने लगा है। उनकी कार्यशैली इतनी प्रभावी और सख्त है कि अपराधियों के चेहरों पर खौफ साफ नजर आता है, वहीं आम नागरिक राहत की सांस ले रहे हैं। बीते एक महीने में थाना खीरी क्षेत्र में जिस तरह से पुलिस की सक्रियता और ताबड़तोड़ कार्रवाइयाँ देखने को मिली हैं, वह स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी हैं। लोग खुले तौर पर कह रहे हैं कि निराला तिवारी ने यह साबित कर दिया है कि अगर पुलिस ईमानदारी और मजबूती से काम करे तो अपराधियों को सिर उठाने का मौका नहीं मिलेगा।निराला तिवारी ने चार्ज संभालते ही सबसे पहले अपराध की रोकथाम को अपनी प्राथमिकता बनाया। उन्होंने यह साफ कर दिया कि थाना खीरी क्षेत्र में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। जिस दिन उन्होंने पदभार संभाला, उसी दिन से क्षेत्र में लगातार दबिश और गश्त बढ़ा दी गई। उनके नेतृत्व में पुलिस टीम ने चोरी, नकबजनी और अवैध शराब कारोबार जैसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई की। दर्जनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई और कई वांछित व वारंटी अपराधियों को पकड़कर जेल भेजा गया। नतीजा यह हुआ कि अपराध का ग्राफ गिरा और अपराधियों में पुलिस का डर बढ़ा। वहीं स्थानीय लोग इस बदलाव को महसूस करने लगे कि अब अपराधियों के लिए खीरी क्षेत्र सुरक्षित जगह नहीं रहा।सिर्फ अपराध पर ही नहीं बल्कि सामाजिक माहौल और त्योहारों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी थाना अध्यक्ष का विशेष ध्यान रहा। चाहे सावन माह की कांवड़ यात्रा रही हो या फिर मोहर्रम का अवसर, निराला तिवारी ने व्यक्तिगत रूप से पूरी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। कांवड़ यात्रा के दौरान वे रात-दिन सड़कों पर मौजूद रहे और कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। मोहर्रम पर भी उन्होंने पहले से तैयारियों की समीक्षा की और धर्मगुरुओं, संभ्रांत नागरिकों तथा सामाजिक संगठनों से संवाद कर आपसी सौहार्द बनाए रखने का प्रयास किया। इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि त्योहार पूरी शांति और सौहार्द के साथ सम्पन्न हुए और किसी तरह का विवाद खड़ा नहीं हुआ।निराला तिवारी की कार्यशैली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे थाने में आने वाले हर फरियादी को पूरा सम्मान देते हैं। आमतौर पर लोग थाने जाने से कतराते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में माहौल बदल गया है। अब थाने में आने वाले फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना जाता है और तुरंत समाधान की कोशिश की जाती है। फरियादियों को सम्मानपूर्वक बैठाकर उनकी समस्या का हल निकालने का प्रयास किया जाता है। इस बदलाव ने जनता के बीच पुलिस की छवि को बेहतर किया है और ‘मित्र पुलिस’ की अवधारणा को मजबूत किया है।हमारे संवाददाता से बातचीत के दौरान थाना अध्यक्ष निराला तिवारी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और आम जनता की सुरक्षा व सम्मान को हमेशा सर्वोपरि रखा जाएगा। थाना अध्यक्ष ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि थाने में आने वाले हर फरियादी की बात ध्यान से सुनी जाएगी और किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की असली ताकत जनता का विश्वास है और उस विश्वास को बनाए रखना ही उनका संकल्प है।थाना अध्यक्ष केवल थाने तक सीमित नहीं रहते, बल्कि क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं। वे नियमित रूप से कस्बे के मुख्य मार्गों, बाजारों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल के साथ गश्त करते हैं। शाम के समय पैदल गश्त कर लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं को भी सुनते हैं। इससे अपराधियों पर दबाव बना रहता है और जनता को भी यह एहसास होता है कि पुलिस उनके बीच है और हर पल उनकी सुरक्षा के लिए मौजूद है।पिछले एक महीने में थाना खीरी पुलिस ने अवैध कारोबार पर भी सख्ती दिखाई है। अवैध शराब माफिया के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर बड़ी मात्रा में तस्करी पर रोक लगाई गई। चोरी और नकबजनी जैसे अपराधों पर लगाम लगाने में भी पुलिस को उल्लेखनीय सफलता मिली। कई अभियुक्त गिरफ्तार हुए और जेल भेजे गए। वांछित और वारंटी अपराधियों की धरपकड़ में लगातार अभियान चलाया गया और अपराधियों को कानून के हवाले किया गया। इन कार्रवाइयों का असर यह हुआ कि अपराधियों में दहशत है और आम जनता को राहत मिली है।निराला तिवारी की कार्यशैली में पारदर्शिता और जनता से संवाद सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है। वे अक्सर व्यापारियों, समाजसेवियों और नागरिकों से मुलाकात कर क्षेत्र की स्थिति का जायजा लेते हैं। लोगों की राय और फीडबैक को महत्व देते हैं और उसी हिसाब से रणनीति बनाते हैं। उनकी यही खासियत है कि लोग उन्हें न सिर्फ पुलिस अधिकारी बल्कि एक सच्चे जनसेवक के रूप में भी देख रहे हैं।थाना खीरी पुलिस टीम की सफलता में उनके सहयोगी पुलिसकर्मियों का भी बड़ा योगदान है। निराला तिवारी के नेतृत्व में पूरी टीम ने बेहतरीन तालमेल और मुस्तैदी दिखाई है। चाहे रात में अचानक दबिश देनी हो या दिन में चेकिंग अभियान चलाना हो, हर स्तर पर टीम ने सक्रियता से काम किया। इस टीमवर्क ने अपराध नियंत्रण की दिशा में थाना खीरी को एक मिसाल बना दिया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि निराला तिवारी की कार्यशैली बाकी अधिकारियों से बिल्कुल अलग है। वे जमीन से जुड़े हुए हैं, सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं और जनता से सीधे संवाद करते हैं। यही वजह है कि लोग उन्हें “मित्र पुलिस का चेहरा” कहकर संबोधित करते हैं। उनके आने के बाद लोगों का पुलिस पर भरोसा और गहरा हुआ है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मानते हैं कि अब उनकी फरियाद को अनसुना नहीं किया जाता बल्कि उसे गंभीरता से हल करने की कोशिश होती है।निष्कर्ष यही है कि बहुत कम समय में थाना अध्यक्ष निराला तिवारी ने यह साबित कर दिया है कि अगर पुलिस ईमानदारी और मुस्तैदी से काम करे तो अपराध पर लगाम लगाना असंभव नहीं है। उनकी कार्यशैली अपराधियों के लिए खौफ और जनता के लिए राहत लेकर आई है। यही कारण है कि आज थाना खीरी क्षेत्र में लोग खुद को पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पुलिस पर पहले से कहीं अधिक भरोसा कर रहे हैं। निराला तिवारी ने न केवल कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किया है बल्कि जनता के मन में यह विश्वास भी पैदा किया है कि पुलिस हमेशा उनके साथ है।

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