सीतापुर —आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उत्तर प्रदेश सरकार के संकल्प पर स्थानीय अधिकारी पानी फेरने को तैयार हैं। तभी तो लाख कोशिशों के बावजूद अधिकांश स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक्सरे मशीनें खराब हैं कहीं कहीं तो एक्सरे टेक्निशियन ही नहीं हैं। स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते आम नागरिकों को विवश होकर प्राइवेट अस्पताल की शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसमण्डा की एक्सरे मशीन विगत एक माह से खराब होने से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरन मरीजों को पन्द्रह किलोमीटर दूर सिधौली तहसील मुख्यालय जाना पड़ रहा है।साथ ही प्राइवेट अस्पताल गरीब जनता की जेब भारी पड़ रहे हैं।जनपदीय जिम्मेदार अधिकारी शीघ्र ही एक्सरे मशीन ठीक कराने की बात कर रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिले,इसके लिए कई स्तर पर प्रयास जारी है।

मगर व्यवस्थागत खामियों के चलते लोगों को शासन की मंशानुसार आम नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं,जिसकी उन्हें आवश्यकता है। कसमंडा की एक बड़ी आबादी की बात करें तो सरकार की व्यवस्था और उसके तमाम दावों के बीच इस केन्द्र पर स्वास्थ्य सेवा की बदहाल स्थिति मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनी है।एक्सरे मशीन खराब होने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है वायरल बुखार को देखते हुए मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। ग्रामीण अरविन्द तिवारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द में एक्सरे मशीन खराब होने से निराश लौटना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष आशुतोष मिश्र ने इस सम्बन्ध में बताया कि प्रकरण को लेकर सामुदायिक स्वस्थ केन्द्र प्रभारी से बात करनी चाही तो उनका फोन नहीं उठा।

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