यह अपूरणीय क्षति न केवल संगठन, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए गहरा आघात है। इस दुःख की घड़ी में मेरी गहन संवेदनाएँ शोकाकुल परिवार के साथ हैं।

मैं शीघ्र ही पहुंचकर परिवारजनों से मिलूँगा और इस दुःख की घड़ी में उनके साथ खड़ा हूँ।

श्री जितेन्द्र राजपूत जी ने सदैव समाज सेवा को अपना ध्येय बनाकर निस्वार्थ भाव से कार्य किया। उनका सरल, सहज और प्रेरणादायी व्यक्तित्व सदैव स्मरण रहेगा।

प्रभु श्रीराम पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिवारजनों, शुभचिंतकों एवं समाज को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।

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