
महात्मा गांधी के चिन्तन और शास्त्री जी की सादगी के आगे देश ही नहीं पूरी दुनियां आदर के साथ सर झुकाती है ।
वाराणसी 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जैसा चिंतक विचारक, सत्य का अन्वेषक मानवता का पुजारी जननायक दुनिया के किसी देश में पैदा नहीं हुआ जिसके आगे हिन्दुस्तान ही नहीं पूरा विश्व नतमस्तक होती है तो वहीं आज के ही दिन जन्मे महात्मा गांधी के ही चरण चोन पर चलने वाले उनके वास्तविक अनुयाई भारत माता के दूसरे महान सपूत पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी की सादगी , राजनैतिक शुचिता और मूल्यो़ की राजनिति की साक्षात प्रतिमूर्ति थे । उक्त विचार आज इंग्लिश या लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के कार्यालय में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में बक्ताओं द्वारा व्यक्त किया गया ।
वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश राज्य सिंचाई आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री विजय शंकर पांडे की अध्यक्षता में संपन्न विचार गोष्ठी में वक्ताओं द्वारा कहा गया कि महात्मा गांधी का सिद्धांत और चिंतन चिरकाल तक दुनिया को राह दिखाता रहेगा, सत्य, अहिंसा और प्रेम पर आधारित उनकाआदर्श जीवन दर्शन अपने आप में खुली किताब की तरह था, वे अपने ही उपर सत्य का अन्वेषण किया करते थे जिसकी मिसाल दुनिया भर में ढूंढने पर भी नहीं मिलती, यही कारण है कि आज दुनिया की सारी राजनैतिक हस्तियां भले ही वो चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हों पर वे सभी के सभी महात्मा गांधी के चिंतन और आदर्श के आगे झुक करके प्रणाम किया करते हैं । महात्मा गांधी अपने आप में एक संस्था और आदर्श की एक ऐसी प्रतिमूर्ति थे उनकी प्रासंगिकता समय और काल की परिधि के इतनी ऊपर है जो आने वाली सदियों तक इसी तरह से मानवता के लिए प्रासंगिक रहेगी । भारत माता की गोद में आज के ही दिन पैदा हुये भारत माता के महान लाल स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन भी देश और समाज के लिए एक अद्भुत मिशाल प्रस्तुत करता है जो पूरे राजनैतिक जगत को सादगी, सुचिता, सिद्धांत, आदर्श और उत्कट देश प्रेम की प्रेरक शिक्षा देता है, उन्होंने राजनीति का एक ऐसा मापदंड स्थापित किया जिस पर चलने को कौन कहे उनकी छाया के बराबर भी कोई नहीं दिखता । देश का दुर्भाग्य है कि जिस महात्मा गांधी ने आजादी की बाद बनने वाले संविधान के माध्यम से भारत की जनता को सबसे अमूल्य और अमोघ अस्त्र मतदान का अधिकार प्रदान किया था ,आज की छल छद्म और पाखंड वाली सत्ता उसका ही अपहरण करके जनता के उस उस अधिकार को ही छीन लेने पर आमादा है, आज गांधी और शास्त्री जी जैसे महान लोगों के विचारों को मानने, समझने और उसपर चलने वालों की भारी कमी होती जा रही है सिर्फ स्वार्थ पूर्ण सट्टा का बोलबाला है ,कम से कम राजनीति का क्षेत्र तो एक तरह से सिद्धांत विहीन होकर रह गया है । बावजूद इसके भारत धरा की पावन भूमि से उत्पन्न हुए इन दोनों महान सपूतों का जीवन और उनका व्यक्तित्व तथा कृतित्व आने वाली पीढियों को हमेशा हमेशा रास्ता दिखाता रहेगा। यह और बात है कि हमारा समाज और देश उसपर पर कितना चलता और कितना अनुसरण करता है पर इन दोनों महान आत्माओं के आशीर्वाद से सत्य की मिसाल जलती रहेगी इस उम्मीद को छोड़ा भी नहीं जा सकता है ।
गोष्ठी से पूर्व महात्मा गांधी जी और लालबहादुर शास्त्री जी के चित्र पर पुष्पान्जलि अर्पित की गयी ।
विचार गोष्ठी में प्रमुख रूप से सर्वश्री विजय शंकर पांडे पूर्व एमएलसी पंडित राजेश पति त्रिपाठी सहित बैजनाथ सिंह ,भूपेंद्र प्रताप सिंह राधे लाल श्रीवास्तव, प्रभूनाथ पान्डेय, डाक्टर प्रेम शंकर पाण्डेय, महेन्द्र चौहान , ब्रह्मदेव मिश्रा, ज्वाला मिश्रा, मनोज चौबे, आनंद मिश्रा, पुनीत मिश्रा, पंकज मिश्रा, सुशील सोनकर, अशोक कुमार पांडे, कमलाकांत पांडे, युवराज पांडे मोहम्मद अरशद, पिंटू शेख आदि लोगों ने विचार प्रकट किया।
