आदर्श श्रीवास्तव वाइस स्टेट ब्यूरो हेड* वाराणसी। वाराणसी जनपद के उमरहां इलाके में दुनिया का बड़ा स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट में 55 लाख रुपए का घोटाला होने का मामला सामने आया है। बताया गया कि महामंदिर ट्रस्ट में बतौर लेखाकार तैनात विवेक कुमार ने एचडीएफसी बैंक में तैनात अपने भाई अभिषेक के साथ मिलकर इस बड़ी घटना को अंजाम दे डाला। ट्रस्ट के सदस्य सुरेंद्र यादव ने चौबेपुर पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि संत कबीर नगर जिले के रहने वाका विवेक गत 12 वर्षों से सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान के झूंसी प्रयागराज व गया में सहायक लेखाकार रहा। वाराणसी स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम उमरहा स्थित कार्यालय में 2019 सितंबर से लेखाकार है। बताया कि विवेक ने बीते 23 सितंबर को श्रद्धालुओं से मिले 20 हजार रुपए ट्रस्ट के अकाउंट में जमा करने गया,कुछ देर में ही वह एचडीएफसी बैंक की शाखा लहुराबीर का बिल की मुहर एवं हस्ताक्षर युक्त पर्ची ट्रस्ट को सौंप दिया तो आशंका हुई। इस संदर्भ में बैंक से जानकारी करने पर खाते में रुपए जमा नहीं होने और जमा पर्ची की रसीद उसे पर मिले हस्ताक्षर सब फर्जी होने की बात सामने आई। इस मामले में सुरेंद्र ने इस हेराफेरी में शामिल विवेक के भाई अभिषेक को भी आरोपित बनाया, जो मंदिर परिसर में ही भाई के संग रहता भी था। विवेक ने चोरी छुपाने के लिए एचडीएफसी बैंक में कुरियर कार्य से जुड़े बैंक कमी को घूस भी देने की कोशिश की थी। विवेक ने तथ्य छिपाने के लिए निजी और विभागीय मोबाइल फोन को भी फॉर्मेट कर दिया है। बैंक की शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक वैभव त्रिपाठी ने बताया कि कोरियर कंपनी के लड़के ने मुझे जानकारी दी जिसे ट्रस्ट से साझा किया गया है। गड़बड़ी से बैंक का कोई लेना-देना नहीं है बल्कि बैंक जांच में सहयोग भी कर रहा है। पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार ने बताया कि विवेक को पकड़ लिया गया है। अभियुक्त से पूछताछ जारी है। बताया गया कि पुलिस के सामने पूछताछ में विवेक ने 55 लख रुपए के गबन की बात भी स्वीकार की है। इस मामले में पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ धोखा घड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है जबकि उसका भाई फरार बताया जा रहा है।
