**ब्यूरो रिपोर्ट पंकज कुमार *निघासन-खीरी* कोतवाली के अंतर्गत एक पत्रकार संतोष कुमार उर्फ आर.जे.संतोष कुमार के साथ में बहुत बड़ी घटना घटित हुई दिनांक 28-09-2025 को जिसमें पत्रकार आर.जे.संतोष कुमार ने बताया है। की करीब डेढ वर्ष पूर्व से समाज के लिए जनहित में कुछ मांगे निघासन ब्लाॅक से ग्राम पंचायत लालपुर की मांगी थी। उक्त सब में संबंधित अधिकारियों द्वारा झूठी रिपोर्ट लगाने व झूठे आरोप लगाने एवं गुमराह कराते हुये डेढ वर्ष से निरंतर दौडा़ने व हार्ड काॅपी न देने के संमंध में निरंतर अपील व प्रार्थना पत्र दे रहां था। जिससे की दिनांक 30-09-2025 को निघासन में धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर थे। उक्त मांगो को लेकर व धरना प्रदर्शन न हो जिससे विपक्षी राहुल यादव ने पहले से ही ये योजना बनाई थी। पुरानी रंजिश व धरना प्रदर्शन न कर पाने एवं जान से मारने की योजना भी पहले से ही बनाई थी। जिससे मौका पाते ही लालपुर डिग्री काॅलेज के पास मोहन लाल पुरवा के रास्ते में टाॅयलेट कर रहे थे। वहां पर मोटर साइकिल से दो लोग उतरे और पीछे से ही मारने लगे और तीसरा व्यक्ति वहां से मोटर साइकिल लेकर फरार हो गया। राहुल के द्वारा ही हमे मारा गया है। लेकिन हम केवल पहचान प्रमोद को ही पाए है। बहुत बेरहमी से लात,घूसो व लाठी,डंडों बहुत मारा है। और हमारे सारे काॅगज फाड़ दिए और जाति सूचक गंदी-गंदी गालियां देते हुए वहां से खेतों की तरफ भाग गए। वहां पर जो लोग चारा लेने गए थे। वह लोगों ने 112 नंबर लगाया और 108 नंबर लगाया 112 नंबर में तैनात पुलिस पहुंची और एंबुलेंस से हमें निघासन सीएससी पहुंचाया ये घटना करीब 10:30 बजे की है। पीड़ित ने निघासन कोतवाली व झण्डी चौकी से न्याय की गुहार लगाई थी। जिसमें झण्डी चौकी प्रभारी ने जांच किया। जांच में चौकी प्रभारी ने 06 दिन बाद दिखाया की सोची समझी घटना बताई है। पीड़ित पत्रकार ने बताया की एक आरोप 30-07-2025 को राहुल यादव ने दिन में 06:00 अदलाबाद क्रेशर पे मारपीट व लूट का आरोप लगाया था। जिसमें आरोप गलत थे। जिसकी पत्रकार ने सही जांच कियो जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। इसी बात को लेकर नाराज चौकी प्रभारी ने भी मौका पाते ही आरोपी को बचाने के लिए दिन रात एक करके पीड़ित को ही गलत बता दिया है। और एफ आई आर भी दर्ज नही की गई पत्रकार ने बताया की अगर चौकी प्रभारी सही जांच किया है। प्रभारी जी ने मेडकल क्यों नही करवाया और जब वृंदाबन से लोकेशन मंगवा लिया था। तो घटना से कुछ ही दूरी पर प्रमोद को काम करवा रहे 06 दिन बाद बताया है। क्या वहां पर प्रभारी जी जा करके जीपीएस लोकेशन फोटो नही ले सकते थे। क्यो की उन्हें ये योजना तैयार करनी थी। और 06 दिन बाद पुलिस कर्मी घर पहुंच कर सेड में लेटे पीड़ित के दवा लगाई जा रही थी। उन्हें देख कर उनकी माता जी को अलग बुला कर चुपके से फोटो खिंच सोची समझी घटना बता कर रिपोर्ट आख्या लगा दी है। जिससे पीड़ित संतुष्ट नही है। पत्रकार को जान से मारने की धमकी को लेकर थाने से 126/135 लिखा गया था। उसके बाद ये घटना घटित हुई।

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