ब्रजेन्द्र नन्दन वाराणसी मीडिया प्रभारीएम डी न्यूज़हिन्दू धर्म मे पति को परमेश्वर भी कहा जाता हैं और अगर एक अच्छा जीवनसाथी हो तो जीवन सुखमय रहता हैं।जीवनसाथी-जीवनसंगिनी के साथ मिलकर आने वाली अनेक भविष्य में अनिश्चित विपदाओं का सामना कर सकते हैं। महाभारत का युद्ध आरंभ होने से पहले जब अर्जुन नीलगिरी पर्वत पर तपस्या करने के लिए गए थे तो अर्जुन काफी समय तक वापस ही नहीं लौटे तब द्रौपदी को बड़ी चिंता हुई। तब वह भगवान कृष्ण के पास पहुंची और भगवान कृष्ण ने उन्हें करवाचौथ का व्रत करने की सलाह दी। इसके उपरांत भगवान कृष्ण ने ही द्रौपदी को इसका महात्मय सुनाया था।दूसरी ओर एक साहूकार की बेटी रानी वीरावती की है जो अपने पति की लंबी उम्र और भलाई के लिए व्रत रखती थी। इस कथा के अनुसार, करवा चौथ का व्रत पहली बार माता गौरी ने भगवान भोलेनाथ के लिए रखा था। एक और कथा करवा नाम की सती स्त्री की है, जिसने मगरमच्छ से अपने पति को बचाने के लिए यमराज से युद्ध किया था और अपने पति का जीवन वापस दिलाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *