अमेठी। कोतवाली क्षेत्र के गुंगवाछ गांव में गुरुवार की शाम 65 वर्षीय बुजुर्ग निर्मल कश्यप की नृशंस हत्या के मामले में अमेठी पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। ग्राम प्रधान आशा तिवारी और उनके पुत्र नितिन तिवारी (प्रधान प्रतिनिधि) द्वारा लगवाए गए सीसीटीवी कैमरों ने कातिलों की पहचान कराने में अहम भूमिका निभाई।

गांव के विकास कार्यों के तहत प्रधान द्वारा लगभग डेढ़ लाख रुपये की लागत से तीन सीसीटीवी कैमरे गुंगवाछ चौराहे पर लगवाए गए थे। इन्हीं कैमरों के फुटेज का बारीकी से विश्लेषण करने पर प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने हत्यारों तक पहुंच बना ली।
फुटेज से स्पष्ट हुआ कि तीनों आरोपी हत्या से पहले सुबह से ही मृतक का पीछा कर रहे थे। कैमरों से बचने की भरसक कोशिश करने के बावजूद वे “त्रिनेत्र” यानी सीसीटीवी की निगरानी से नहीं बच सके।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने मठकनैगिर निवासी दिवाकर पुत्र गौतम को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि उसके दो साथी फिलहाल फरार हैं। दिवाकर के परिवार पर ग्राम समाज की करीब छह बीघा जमीन पर अवैध कब्जे का भी आरोप है। बताया जा रहा है कि मृतक निर्मल कश्यप का अपनी बहन की बंजर जमीन को लेकर विवाद था, और इसी विवाद से जुड़े पारिवारिक रिश्तों के कारण हत्या का कारण उभरकर सामने आ रहा है।
पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपी से पूछताछ कर फरार साथियों की तलाश में दबिश दे रही है।
स्थानीय लोग इस बात की सराहना कर रहे हैं कि ग्राम प्रधान आशा तिवारी द्वारा करवाया गया यह “संवेदनशील विकास कार्य” (सीसीटीवी कैमरे) अब अपराधियों को बेनकाब करने में मील का पत्थर साबित हुआ है।
