प्रयागराज | अब ई-रिक्शा चालक को ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने से पहले 10 दिन का अनिवार्य प्रशिक्षण लेना होगा। शासन के निर्देश पर बमरौली में मां अम्बे मोटर ट्रेनिंग सेंटर के नाम से विशेष प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की गई है, जहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। यही प्रमाणपत्र ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने की पहली शर्त है। परिवहन विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि अब किसी भी ई-रिक्शा चालक को बिना मान्यता प्राप्त मोटर ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण प्रमाणपत्र के लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं, प्रशिक्षण देने वाले स्कूल के संचालक को भी अभिलेखों के साथ एआरटीओ कार्यालय में उपस्थित होकर आवेदक के प्रमाणपत्र का सत्यापन कराना होगा। प्रयागराज में वर्तमान में 27 हजार से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या ऐसे चालकों की है
जो बिना लाइसेंस या किसी अन्य श्रेणी के लाइसेंस पर वाहन चला रहे हैं। कई नाबालिग चालक भी
सड़कों पर ई-रिक्शा चलाते पाए गए हैं, जिससे यातायात व्यवस्था बिगड़ने और हादसों की शिकायतें
लगातार बढ़ रही हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष 7123 ई-रिक्शा की बिक्री हुई थी जबकि
इस वर्ष अब तक लगभग साढ़े पांच हजार नए ई-रिक्शा बिक चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के
संचालन के बावजूद चालकों के प्रशिक्षण पर पहले कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। एआरटीओ राजीव
चतुर्वेदी ने बताया कि अब परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था से ई-रिक्शा चालकों को प्रशिक्षित कर
सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ किया जाएगा।

रिपोर्टर – अनुज कुमार
