
सिद्धार्थनगर में महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी की जनसुनवाई, महिला उत्पीड़न मामलों में सख्त निर्देश
(रिपोर्ट,सूरज गुप्ता)जनपद सिद्धार्थनगर
सिद्धार्थनगर से बड़ी खबर…
जनपद सिद्धार्थनगर में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की माननीय उपाध्यक्ष श्रीमती चारू चौधरी की अध्यक्षता में महिला जनसुनवाई कार्यक्रम एवं जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया।
महिला जनसुनवाई के दौरान राजस्व विभाग एवं महिला उत्पीड़न से जुड़े कुल पाँच प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए गए। माननीय उपाध्यक्ष ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि दोनों पक्षों को सुनते हुए प्रकरणों का निष्पक्ष एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
महिला उत्पीड़न मामलों में पुलिस विभाग की शिथिलता पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए महिला थाना एवं संबंधित थानाध्यक्षों को एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान समाज कल्याण, महिला कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभागों को निर्देशित किया गया कि सभी पात्र लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराया जाए।
साथ ही आयुष्मान कार्ड के लिए जागरूकता अभियान चलाकर पात्र लोगों के कार्ड बनवाने के निर्देश भी दिए गए।
माननीय उपाध्यक्ष ने शिक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देते हुए विद्यालयों में शिक्षकों की समय से उपस्थिति, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, ड्रेस एवं शौचालय की साफ-सफाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। साथ ही बाल विवाह रोकने हेतु प्रभावी कार्रवाई के निर्देश बाल कल्याण समिति को दिए गए।
इसके पश्चात माननीय उपाध्यक्ष द्वारा प्राथमिक विद्यालय उसका बाजार का औचक निरीक्षण किया गया, जहां शौचालय की साफ-सफाई में कमी पाए जाने पर तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए।
आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं की गोदभराई एवं बच्चों का अन्नप्राशन कराया गया तथा पोषाहार वितरण समय से कराने के निर्देश दिए गए।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में शक्ति संवाद कार्यक्रम के तहत बालिकाओं से संवाद कर उन्हें आगे बढ़ने एवं उच्च पदों पर पहुंचने के लिए प्रेरित किया गया।
अंत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ का निरीक्षण कर साफ-सफाई व्यवस्था, समय से डॉक्टरों की उपस्थिति, निःशुल्क दवाओं एवं जांच उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
महिला सशक्तिकरण और जनकल्याण योजनाओं की प्रभावी निगरानी के लिए महिला आयोग की यह पहल अहम मानी जा रही है।
