बाराबंकी जिला सरकारी अस्पताल में मानवता को झकझोर देने वाला मामला, सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं

*बेटे ने घर से निकला अपने बूढ़े बाप को बुजुर्ग आप भटक रहा है एक साल से वृद्ध आश्रम जिला अस्पताल में मौत और जिंदगी से लड़ रहा*

रिपोर्टर तेज बहादुर शर्मा अयोध्या

जनपद बाराबंकी के जिला सरकारी अस्पताल के ट्रामा सेंटर में एक ऐसा दर्दनाक मामला सामने आया, जिसने इंसानियत पर सवाल खड़े कर दिए। खबर कवरेज के दौरान जब एक बुजुर्ग को अस्पताल के बेड पर असहाय अवस्था में लेटे देखा गया तो पत्रकार ने उनका हालचाल जाना। अपनी आपबीती बताते हुए बुजुर्ग की आंखें भर आईं।बुजुर्ग ने बताया कि उनका नाम रामकुमार है, उम्र लगभग 60 वर्ष है और वह जनपद बाराबंकी के थाना देवा अंतर्गत ग्राम बिशनपुर के कोटवा गांव के निवासी हैं।

उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे हैं और दोनों की शादी भी वह कर चुके हैं। इसके बावजूद एक बेटा लखनऊ में रहता है और दूसरा बाराबंकी में ही, लेकिन दोनों ने उन्हें अपने साथ रखने से इनकार कर दिया।रामकुमार ने रोते हुए बताया कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था और घर से निकाल दिया गया। मजबूरी में वह पिछले एक वर्ष से विद्या आश्रम में रह रहे थे। हाल के दिनों में उनकी तबीयत लगातार खराब रहने लगी, जिसके कारण वह काफी परेशान थे। इसी दौरान विद्या आश्रम से भी वह इधर-उधर भटकते रहे। अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर एक राहगीर ने मानवता दिखाते हुए उन्हें जिला सरकारी अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया।यह सवाल बेहद पीड़ादायक है कि जिन बच्चों को माता-पिता अपने खून-पसीने से पालते हैं, आज वही बच्चे उन्हें अपनाने से इंकार कर दें। जिनके सिर से मां-बाप का साया उठ चुका है, उनसे पूछिए कि इसका दर्द क्या होता है, लेकिन यहां तो माता-पिता जीवित हैं और फिर भी उनकी कीमत नहीं समझी जा रही। बुजुर्ग की कहानी सुनकर आसपास भर्ती मरीजों और उनके परिजनों की आंखें भी नम हो गईं। संवाददाता द्वारा इसकी जानकारी जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. जयप्रकाश मौर्य को दी। सीएमएस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कहा कि बुजुर्ग को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उनके खाने-पीने और इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे लावारिस और असहाय मरीजों को अस्पताल परिवार का हिस्सा मानकर उनका इलाज और सुरक्षा की जाती है।बाराबंकी जिला सरकारी अस्पताल में यह मामला भले ही एक बुजुर्ग की कहानी हो, लेकिन यह समाज को आईना दिखाने वाला सच है, जो हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देता है।मंडल ब्यूरो चीफ अयोध्या तेज बहादुर शर्मा/रामानंद सागर की रिपोर्ट।

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