सीतापुर/प्रतापगढ़।
शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालयों से कभी-कभी ऐसी घटनाएँ सामने आ जाती हैं जो पूरे समाज को झकझोर देती हैं। सीतापुर के प्रतापगढ़ में संचालित डीएवी पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा की मासूम छात्रा के साथ हुई घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आरोप है कि स्कूल की शिक्षिका नम्रता गुप्ता ने छात्रा को गलती की सजा देते हुए 100 से अधिक बार उठक-बैठक कराने के लिए मजबूर किया। इस कठोर दंड के कारण छात्रा की तबीयत बिगड़ गई और परिजनों को उसे तत्काल चिकित्सालय में भर्ती कराना पड़ा।
FIR दर्ज
मामला सामने आने के बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने शिक्षिका नम्रता गुप्ता के खिलाफ धारा 296, 115(2) बीएनएस, 75 और 82 किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए विवेचना शुरू कर दी है।
स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल
घटना के बाद भी विद्यालय प्रबंधन द्वारा तुरंत संज्ञान न लेने पर परिजनों और स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है। जानकारी के मुताबिक, डीएवी पब्लिक स्कूल के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा शिकायत को नजरअंदाज करने और उचित कार्रवाई न करने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बीच, शिक्षक राजीव सिंह को अनिश्चितकाल पर छुट्टी पर भेज दिया गया है।
परिजनों की नाराज़गी
छात्रा के परिजनों ने कहा कि शिक्षा देने वाले गुरु ही यदि बच्चों पर इस प्रकार का शारीरिक और मानसिक दबाव बनाएँगे तो बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
प्रशासन की निगरानी
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और शिक्षा विभाग को भी घटना से अवगत करा दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।
