गगन सिंह चौहान
—-निर्दयता ने दफनाया, नियति ने जगाया, पर जीवन की डोर टूट गई
शाहजहाँपुर। थाना जैतीपुर क्षेत्र से उठी यह करुण कथा पूरे जनपद ही नहीं, बल्कि मानवता को भी झकझोर रही है। मामला बीती 14 सितंबर का है, जब एक नवजात शिशु को निर्ममता से ज़िंदा मिट्टी में दफना दिया गया। परंतु नियति ने तत्काल मौत स्वीकार न की। मासूम का नन्हा हाथ गड्ढे से बाहर रह गया और उसकी करुण रुदन-ध्वनि ने ग्रामीणों का ध्यान आकृष्ट कर लिया। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर बच्ची को गड्ढे से निकाला और राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। उपचार प्रारंभ हुआ तो मानो उम्मीद की किरण जागी। पूरे क्षेत्र ने प्रार्थना की कि यह मासूम जीवन की जंग जीत जाए।मिट्टी से अधिक संक्रमण होने के हालत गंभीर हो गयी। चिकित्सकों की आठवें दिन सारी कोशिशें निष्फल सिद्ध हुईं। बच्ची की धड़कनें थम गईं और दुधमुंही बेटी ने संसार से विदा ले ली। क्या दोष था उस नवजात बेटी का। पुलिस मामले में आरोपियों की तलाश कर रही है। कहाँ जा रहे है हम, क्या दोष था इस बच्ची।
