
अधिवक्ता अनघ शुक्ल को बदनाम करने की साजिश हुई बेनकाब।
हिस्ट्रीशीटर पिता की मदद से व्यापारी प्रतीक सर्राफ ने रची थी साजिश।
पुलिस को बताए गलत तथ्य, धोखाधड़ी का दर्ज कराया था अधिवक्ता पर मुकदमा।
उच्चाधिकारियों द्वारा की गई मॉनिटरिंग, विवेचना में खुलती गई झूठ की परत दर परत।सभी तथ्यों की गहराई से जांच से हुआ खुलासा पूरी कहानी ही थी झूठ, चेक बाउंस के मुकदमे से बचने के लिए पेशबंदी में कराया था मुकदमा।झूठे आरोप में मुकदमा दर्ज करने की लापरवाही में हुई पुलिस उच्चाधिकारियों द्वारा कार्यवाही, अस्सी चौकी प्रभारी पार्थ तिवारी हटाए गए।
अधिवक्ता ने वर्ष 2024 ने फ्लैट हड़पने और मुकदमे के गवाहों को जान से मारने की धमकी देने के मामले में दर्ज करा रखा है हिस्ट्रीशीटर रवि सर्राफ और उसके व्यापारी पुत्र प्रतीक सर्राफ पर 4 मुकदमें
कभी हुआ करते थे करीबी मित्र, प्रेमिका के चक्कर में पत्नी को धोखे से तलाक देने के बाद हो गई थी अनबन,कथित प्रेमिका अमृता सुरेश के ऊपर पैसा खर्च करने के चक्कर में दोस्त को भी दिया धोखा, बैंक से भी कर्जा लेकर चुका नहीं पाया, बैंक ने भी की है कानूनी कार्यवाही टैक्स चोरी के मामले में राज्य कर विभाग के भी जांच के दायरे में है व्यापारी प्रतीक सर्राफ,अधिवक्ता अनघ शुक्ल के नाम के साथ आरएसएस विहिप और ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद को भी बदनाम करने का किया प्रयास।
पीड़ित पक्ष ने गिरोहबंद अधिनियम में कार्यवाही हेतु दिया है आवेदन, पुलिस कमिश्नर ने दिया गुंडा एक्ट में कार्यवाही का निर्देश,पूर्व महिला कर्मचारी ने भी काम कराने के बाद तनख्वाह ना देने मारपीट और छेड़खानी के भी हैं पिता पुत्र पर आरोप,परिवहन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से परमिट जारी कराने की जांच विजिलेंस विभाग से कराए जाने की तैयारी,व्यापारी प्रतीक सर्राफ के सीतापुर निवासी संबंधी किशुन अग्रवाल के घर से बरामद हुई थी नकली नोट बनाने की मशीन, दर्ज हुआ था मुकदमा।