रिपोर्ट हरेन्द्र प्रताप सिंह

एमडी न्यूज़ बिजुआ

बिजुआ खीरी।लखीमपुर-खीरी जिले के बेचेपुरवा गांव में तीन नाबालिग बच्चे अनाथ हो गए हैं। माता-पिता दोनों की मृत्यु के बाद, प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए बच्चों के भोजन और देखभाल की व्यवस्था की है। जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के निर्देश पर बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और अन्य सरकारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार, पांच साल के भीतर बच्चों के माता-पिता दोनों का निधन हो गया। पहले उनके पिता की मृत्यु करंट लगने से हुई थी, और इसके पांच साल बाद उनकी मां का भी बीमारी के कारण निधन हो गया। इसके बाद 14 वर्षीय प्रियंका, 10 वर्षीय शिवानी और 8 वर्षीय अमित बेसहारा हो गए।

माता-पिता के निधन के बाद बच्चों के सामने जीवनयापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया। मां की मृत्यु के बाद, तीनों बच्चों ने दो दिनों तक भोजन नहीं किया था। पड़ोसियों और उनकी बड़ी मां ने उन्हें समझा-बुझाकर भोजन कराया। अब सबसे बड़ी बहन प्रियंका पर अपने छोटे भाई-बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई है।

परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। उनके पास पिता के नाम पर लगभग 2 बीघा जमीन है, जो शारदा नदी के किनारे होने के कारण कटाव के खतरे में है। घर में पर्याप्त कपड़े या राशन नहीं है, और उनके पास राशन कार्ड भी नहीं था, जिससे वे सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित थे।

स्थानीय लोगों और परिजनों ने पहले परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने पर चिंता जताई थी। ग्राम प्रधानपति भगौती प्रसाद ने बताया कि पीड़ित परिवार के पास इंदिरा आवास पहले से बना हुआ है। कोटेदार शियाराम ने जानकारी दी कि ग्राम पंचायत के 53 राशन कार्ड के कागजात जमा हैं, जिनमें इन बच्चों के कागजात भी शामिल हैं। केवाईसी के बाद उनका राशन कार्ड बनेगा।

सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने मामले का संज्ञान लिया। एसडीएम गोला युगांतर त्रिपाठी के नेतृत्व में बच्चों के लिए भोजन और देखभाल की तत्काल व्यवस्था की गई। प्रशासन अब उनके पालन-पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है।

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रिपोर्ट-हरेन्द्र प्रताप सिंह

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