कलयुगी ममता का क्रूर चेहरा झाड़ियों में फेंका नवजात पुलिस ने समय रहते बचाई मासूम की जान।
बदायूं के बंजरिया गांव में झाड़ियों में फेंका गया नवजात शिशु, पुलिस की तत्परता से बची जान थाना प्रभारी ने कराया प्राथमिक उपचार, चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंपी जानकारी।
रिपोर्टरप्रदीप पाण्डेय बदायूं

बदायूं में ममता को शर्मसार करने वाली एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। बिसौली कोतवाली क्षेत्र के बंजरिया गांव के पास सड़क किनारे झाड़ियों में एक नवजात शिशु फेंका हुआ मिला, जिसे समय रहते पुलिस ने बचा लिया।स्थानीय लोगों ने जब झाड़ियों से किसी मासूम के रोने की आवाज सुनी, तो उन्होंने डायल 112 पर सूचना दी। कुछ ही देर में डायल 112 की टीम और थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई।थाना प्रभारी हरेंद्र कुमार ने मानवीय संवेदनाएं दिखाते हुए तत्काल नवजात को झाड़ियों से बाहर निकलवाया

और प्राथमिक उपचार के लिए पास के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। इसके बाद उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन को भी सूचित किया, ताकि बच्चे को उचित देखभाल और संरक्षण मिल सके।पुलिस ने नवजात को अभिरक्षा में लेकर जिला अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों की टीम उसका इलाज कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चा अब सुरक्षित है और उचित देखभाल में है।

फिलहाल पुलिस इस क्रूर कृत्य को अंजाम देने वाले अज्ञात महिला या परिजनों की तलाश में जुट गई है। आस-पास के सीसीटीवी फुटेज और गांव के लोगों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इस अमानवीय घटना के पीछे की सच्चाई सामने लाई जा सके।यह घटना एक बार फिर समाज में गिरते नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने वाली मानसिकता को उजागर करती है। जहां एक ओर लोग संतान की चाह में मंदिरों और अस्पतालों के चक्कर काटते हैं, वहीं दूसरी ओर एक निर्दोष जीवन को जन्म लेते ही झाड़ियों में फेंक दिया जाता है।पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता के चलते एक मासूम की जान बच गई, लेकिन यह सवाल जरूर छोड़ गई – क्या इंसानियत इतनी सस्ती हो गई है।