नागरिकों का कर्तव्य है जानवरों की देखभाल और उनकी रक्षा करना

बाराबंकी, 24 अक्टूबर। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के मंशानुसार श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में माह अक्टूबर 2025 के प्लान आफ एक्शन के अन्तर्गत आज दिनांक-24.10.2025 को पशु क्रूरता एवं पशु संरक्षण पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में डा0 सुरजीत सिंह उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, डा0 रमेश चन्द्र सिंह, पंकज वर्मा पशुधन प्रसार अधिकारी, रोहित वर्मा, सनी सिंह, राकेश फार्मासिस्ट, श्री राम किशोर पटेल वरिष्ठ उपाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन के अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी शामिल हुये।
डा0 सुरजीत सिंह उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के द्वारा बताया गया कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 भारत में पशुओं को अनावश्यक दर्द और पीड़ा से बचाने के लिए कानूनी आधार प्रदान करता है। यह अधिनियम पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकता है, उनके कल्याण को बढ़ावा देता है और वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करता है। हाल ही में, इस अधिनियम में संशोधन का मसौदा (2022) पेश किया गया है, जिसमें वीभत्स क्रूरता को परिभाषित कर जुर्माने और कारावास की सजा बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य पशुओं को अनावश्यक दर्द या पीड़ा देने से रोकना। यह भारत में पशु संरक्षण का मुख्य कानून है। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड अधिनियम की धारा 4 के तहत इसकी स्थापना 1962 में की गई थी, जो पशु कल्याण को बढ़ावा देने का काम करता है। यह अधिनियम क्रूरता के विभिन्न रूपों को परिभाषित करता है, जैसे उपेक्षा, शारीरिक दुर्व्यवहार, और अत्यधिक बोझ डालना या त्यागना। पशुओं के परिवहन और बाज़ारों में उनके रखरखाव के लिए नियम भी बनाए गए हैं। यह वैज्ञानिक प्रयोगों की अनुमति देता है, लेकिन उचित सुविधाओं और अनुमोदन के साथ। पशु क्रूरता निवारण (संशोधन) विधेयक-2022 वीभत्स क्रूरता एक नई श्रेणी, जिसमें अत्यधिक दर्द और पीड़ा देने वाले और आजीवन विकलांगता या मृत्यु का कारण बनने वाले कार्य शामिल हैं। इसमें न्यूनतम जुर्माना 50,000 और अधिकतम 75,000 हो सकता है।जुर्माने के साथ अधिकतम 5 साल का कारावास भी हो सकता है। भारतीय संविधान के अनुसार, नागरिकों का कर्तव्य है कि वे जानवरों की देखभाल करें और उनकी रक्षा करें। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय ने भी पशुओं के जीवन के अधिकार को स्थापित किया है और पशुओं की बलि और परिवहन के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और अन्य संगठन पशु कल्याण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कार्यक्रम का संचालन विभाग के कर्मचारी के द्वारा किया गया।

मंडल ब्यूरो चीफ अयोध्या
तेज बहादुर शर्मा।
   
                       

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