ब्यूरो चीफ सुजीत कुमार कानपुर नगर

अंग्रेज़ी विभाग, महिला महाविद्यालय पी.जी. कॉलेज कानपुर द्वारा “ ब्रिटिश एवं अमेरिका ड्रामा शीर्षक से उद्धरण लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता का उद्देश्य मंच पर बोले गए शब्दों की स्थायी शक्ति को उजागर करना था, जिससे ब्रिटिश और अमेरिकी नाटकों की वे यादगार पंक्तियाँ सामने आईं जिन्होंने पीढ़ियों से दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। कॉलेज की प्राचार्या प्रो. अंजू चौधरी ने इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता छात्रों को अंग्रेज़ी साहित्य की समृद्धि को खोजने और उसका उत्सव मनाने का अवसर प्रदान करेगी।
अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. निशि सिंह ने विषय का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता साहित्यिक प्रशंसा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ब्रिटेन और अमेरिका के बीच नाटक को एक सांस्कृतिक सेतु के रूप में देखने का भी अवसर है।कार्यक्रम में स्नातक स्तर की लगभग 100 छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने शेक्सपियर, ऑस्कर वाइल्ड, जॉर्ज बर्नार्ड शॉ से लेकर आर्थर मिलर, टेनेसी विलियम्स और आधुनिक नाटककारों तक के साहित्यिक खज़ाने से उद्धरण प्रस्तुत किए। चुने गए उद्धरणों के साथ छात्राओं ने संक्षिप्त व्याख्या भी दी, जिसमें उन पंक्तियों की प्रासंगिकता और यह कैसे सार्वभौमिक मानवीय भावनाओं एवं सामाजिक वास्तविकताओं को प्रतिध्वनित करती हैं, बताया।कार्यक्रम का मूल्यांकन निर्णायक मंडल – डॉ. सबा यूनुस (सहायक प्राध्यापक, समाजशास्त्र विभाग) एवं अंग्रेज़ी विभाग की प्राध्यापिकाएँ – डॉ. पारुल अवस्थी, डॉ. इंदु मिश्रा और डॉ. अर्चना त्रिवेदी ने किया। मूल्यांकन में मौलिकता, व्याख्या की गहराई और समसामयिक मुद्दों से प्रासंगिकता को आधार बनाया गया। प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित संदर्भगत समझ और उनकी अभिव्यक्ति की स्पष्टता सराहनीय रही।विजेताओं को उनके गहन चयन और व्याख्या के लिए प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता ने यह सिद्ध किया कि नाटक केवल मंच तक सीमित नहीं है, बल्कि उन शब्दों में जीवित रहता है जो लगातार प्रेरित करते हैं, सोचने को मजबूर करते हैं और हृदय को छूते हैं।
इस पहल के माध्यम से विभाग ने ब्रिटिश और अमेरिकी नाट्य परंपराओं की विरासत को मनाने का सफल प्रयास किया, साथ ही यह भी पुनः स्थापित किया कि नाटक विचार और अभिव्यक्ति के निर्माण में आज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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