निचलौल/महाराजगंज: ग्राम विकास कार्यों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली ग्राम पंचायत भेड़िया इन दिनों स्थानीय राजनीति का अखाड़ा बन गई है। मनरेगा पार्क के मिट्टी भराई कार्य को लेकर विभाग द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण को आधार बनाकर ग्राम प्रधान के प्रतिद्वंद्वी सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैला रहे हैं। हालांकि, प्रधान और सचिव ने मौके पर उच्चाधिकारियों की मौजूदगी वाली तस्वीरें जारी कर विरोधियों के दावों की हवा निकाल दी है।

विरोधियों के ‘डिजिटल वार’ पर साक्ष्यों का प्रहार:
बीते कुछ दिनों से फेसबुक और व्हाट्सएप समूहों में ग्राम प्रधान अखिलेश प्रकाश यादव की छवि खराब करने के लिए कुछ लोगों द्वारा सुनियोजित तरीके से भ्रामक पोस्ट डाली जा रही हैं। इस पर पलटवार करते हुए प्रधान पक्ष ने स्पष्ट किया है कि विभागीय नोटिस एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उत्तर साक्ष्यों के साथ दिया जा रहा है।

जानिए खबर के प्रमुख पहलू:


अधिकारियों की मौजूदगी: वायरल तस्वीरों में स्पष्ट हो चुका है कि कार्य के दौरान खंड विकास अधिकारी (BDO) शमा सिंह, सचिव राजीव रामचंद्रन और प्रधान स्वयं मौके पर खड़े होकर गुणवत्ता की जांच कर रहे थे।


प्रतिद्वंद्वियों की भूमिका:

आरोप है कि चुनावी रंजिश के चलते प्रतिद्वंद्वी इस मामले को तूल दे रहे हैं और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
पारदर्शिता का प्रमाण: ग्राम पंचायत अधिकारी ने बताया कि सरकारी धन का एक-एक पैसा धरातल पर लगा है और पार्क की वर्तमान स्थिति इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।

ग्राम प्रधान की जनता से अपील: अफवाहों पर न दें ध्यान


ग्राम प्रधान अखिलेश यादव ने कहा, “विपक्षी विकास कार्यों से बौखला गए हैं। जिस कार्य का निरीक्षण स्वयं बीडीओ साहिबा ने किया हो, उसमें अनियमितता का आरोप हास्यास्पद है। सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ हम कानूनी राय भी ले रहे हैं।”
“नोटिस का जवाब साक्ष्यों के साथ नियत समय में दे दिया जाएगा। जनता जानती है कि कौन गांव का विकास कर रहा है और कौन केवल फेसबुक पर राजनीति।”

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