गौशाला के संचालक ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी गायों की आड़ में कमा रहे लाखों।नगीना। गौशाला में आए दिन भूख से तड़प – तड़प कर गौवंश अपनी जान गंवाने को मजबूर हैं। लेकिन विभागीय अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी खामोश व मौन बने हुए हैं और इस गौशाला के प्रबंधक ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी के विरुद्ध आज तक कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।ब्लॉक कोतवाली क्षेत्र के गांव बेगमपुर चायमल उर्फ़ धिमाहेड़ी में बनी गौशाला में आए दिन भूख से तड़प – तड़प कर गौवंश अपनी जान गंवाने को मजबूर हैं। वहाँ मौजूद देखरेख कर रहे के टेकर अमर सिंह व गौशाला में मौजूद मजदूरों में माया देवी सहित आदि वहां मौजूद तो रहते हैं लेकिन समय रहते उन सभी गायों को पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचित नहीं कर पाते हैं कि वह गाय बीमार भी है तथा उनका कहना हैं कि हमने गौशाला के प्रबंधक ग्राम प्रधान चरन सिंह व ग्राम पंचायत अधिकारी दिनेश प्रजापति को गाय के मृत होने व बीमार होने की खबर सूचना प्रबन्धक को समय-समय पर देते रहते हैं लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा विभागीय अधिकारियों को सूचना नहीं दी जाती हैं उधर मिली जानकारी के अनुसार गौशाला के प्रबन्धक ग्राम प्रधान चरन सिंह निवासी गांव वनखेड़ी जो कि अपने आपको गौ सेवक कहता है लेकिन गौशाला में आकर तक नहीं घूमता है और इन साहब का घर गौशाला से कई किलोमीटर की दूरी पर हैं जो कि इस कारण से इस गौशाला की ओर आकर भी नहीं घूमते हैं जिसका लाभ सरकार से वह बराबर उठा तो रहा है लेकिन खाने के नाम पर दिखावे के लिए सूखा भूसा जो कि 1 दिन की खुराक के लिए भी पर्याप्त नहीं है इसी के साथ इस गौशाला में पल रही गाय भूखे रहकर हर रोज बीमार होकर तड़प – तड़प कर अपनी जान गवा रही है । मिली जानकारी के अनुसार ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी हर महीने लाखों रुपए कमाने में लगे हैं इसी के साथ लगभग 50 बीघा से ऊपर भूमि में चारा व फसल लगाकर उसे बेचते हैं और उससे मोटी रकम वसूल रहे हैं साथ ही गायों को जीने लायक तक चारा भी नहीं खिला पाते। इस पूरे प्रकरण में हिंदू सुरक्षा सेवा संघ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता गुरजीत सिंह जिला उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री टिंकू विश्वकर्मा, जिला मंत्री मनोज चौहान, जिला मंत्री राकेश, नगर अध्यक्ष बढ़ापुर भूपेंद्र, यशवीर, योगराज , हरविंदर, विजय, कावेद्र, दीपचंद, सोनू, देवेंद्र, योगेश, रोहित, आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।फ़ोटो। गांव बेगमपुर चायमल में बीमार व मृत पड़ी गौवंश ।

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