बिजुआ के बसतौली में आस्था और प्रेम का पर्व: करवा चौथहरेन्द्र प्रताप सिंह एम डी न्यूज़ बिजुआबिजुआ (बसतौली)। पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना के साथ मनाए जाने वाले पर्व करवा चौथ को बिजुआ के बसतौली क्षेत्र में सुहागिन महिलाओं ने पूरे विधि-विधान और उल्लास के साथ मनाया। महिलाओं ने दिन भर निर्जल व्रत रखा और शाम को सोलह श्रृंगार कर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना की।निर्जल व्रत और पूजा-अर्चनाबसतौली में सुबह से ही महिलाओं ने निर्जल व्रत का संकल्प लिया। दिन भर अन्न और जल का त्याग कर, महिलाओं ने शाम के समय घरों में और सार्वजनिक स्थलों पर एकत्रित होकर करवा माता की पूजा की और व्रत की कथा सुनी। इस दौरान महिलाओं ने थालियों में दीपक, सिंदूर, रोली, चावल, मिष्ठान्न और जल से भरा कलश सजाया। माता करवा से अपने सुहाग की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की गई।चंद्र दर्शन के बाद तोड़ा व्रतरात होते ही महिलाओं को बेसब्री से चंद्रमा के उदय होने का इंतजार था। जैसे ही चंद्रमा आकाश में दिखाई दिया, महिलाओं के चेहरे खुशी से खिल उठे। सभी ने पारंपरिक तरीके से छलनी में दीपक रखकर पहले चंद्रमा के दर्शन किए और उन्हें अर्घ्य दिया। इसके बाद उसी छलनी से अपने-अपने पति का चेहरा देखा और उनके चरणों को छूकर आशीर्वाद लिया।पति ने प्रेमपूर्वक अपने हाथों से जल पिलाकर पत्नियों का निर्जल व्रत तोड़ा। इस दौरान दांपत्य प्रेम और विश्वास का एक सुंदर दृश्य देखने को मिला। महिलाओं ने मिठाई खाकर और बड़ों का आशीर्वाद लेकर अपने व्रत को पूर्ण किया। करवा चौथ का यह महापर्व पति-पत्नी के अटूट रिश्ते और प्रेम की डोर को और मजबूत कर गया।

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