बिचौलियों के खत्म होने से बीज से बाजार तक किसानों को सीधा लाभ

गन्ना किसानों को 2.92 लाख करोड़ का अब तक का रिकॉर्ड भुगतान

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बाराबंकी के दौलतपुर गांव में पद्मश्री किसान राम सरन वर्मा के फार्म पर आयोजित किसान पाठशाला के आठवें संस्करण का शुभारम्भ किया। हजारों किसानों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में खेती का भविष्य सचिवालय के कमरों में नहीं, बल्कि खेतों की मिट्टी में लिखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले खेती की योजनाएं फाइलों में ही सिमटी रहती थीं। अधिकारी सचिवालय में बैठकर कृषि नीति तैयार करते थे। लेकिन हमारी सरकार खेत में उतरकर किसानों की समस्या समझती है, और खेती की बात किसान के खेत पर ही होती है।

बीज से बाजार तक बिचौलियों का अंत
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीज, खाद, सिंचाई और बाजार—इन सभी क्षेत्रों में से बिचौलियों की भूमिका समाप्त कर दी गई है। किसान को अब उसकी फसल का सही दाम बिना देरी और बिना कटौती के मिल रहा है। किसान जिन सुविधाओं के लिए पहले महीनों चक्कर काटता था, वह अब उसके घर तक पहुंच रही हैं। किसानों की आय दोगुनी हो चुकी है, और आने वाले समय में तीन गुना होने की ओर बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि डबल इंजन की सरकार ने सिंचाई प्रणाली का आधुनिकीकरण किया है, किसानों को बड़े पैमाने पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए हैं, और बेहतर तकनीक को खेत-खेत तक पहुंचाया है।
“उत्तर प्रदेश में आज कृषि तकनीक का वह विस्तार हो रहा है, जिसकी कल्पना दशकों तक नहीं की गई थी।

गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में नंबर-वन

मुख्यमंत्री ने सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश देश के कुल गन्ना उत्पादन में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। गन्ना किसानों के भुगतान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 2 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है। यह आंकड़ा किसानों के सम्मान, मेहनत और उनकी कमाई की गारंटी है। उन्होंने कहा कि बाराबंकी पूरे पूर्वांचल का प्रवेश द्वार है और आज यह जिला कृषि नवाचार और तकनीकी मॉडल का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

कृषि विज्ञान केंद्रों से बदला कृषि परिदृश्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 79 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हैं। “इन केंद्रों से किसानों को मिट्टी परीक्षण, फसल चयन, कीट प्रबंधन और बेहतर खेती के वैज्ञानिक तरीके बताए जा रहे हैं। खेत की मिट्टी किस फसल के लिए उपयुक्त है, यह जानकारी मिलने के बाद किसान कम खर्च में ज्यादा कमाई कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे प्रेरक उदाहरण पद्मश्री रामशरण वर्मा हैं।

पद्मश्री राम सरन वर्मा की सफलता बनी कृषि क्रांति की मिसाल

32 वर्ष पहले 6 एकड़ से खेती शुरू करने वाले राम सरन वर्मा आज 275 एकड़ में वैज्ञानिक और सहकारिता आधारित कृषि का मॉडल तैयार कर चुके हैं। वे केला, टमाटर, आलू, तरबूज, खरबूजा, मेंथा और गेहूं सहित अनेक फसलों की उन्नत खेती कर रहे हैं। टिश्यू कल्चर केले की तकनीक ने पूरे प्रदेश में हजारों किसानों को नई दिशा दी है। वर्मा ने बताया कि टमाटर की खेती में 60 हजार रुपये की लागत पर 2 से ढाई लाख रुपये तक लाभ मिलना संभव हुआ है। छोटे किसान जो पहले 20-25 हजार रुपये सालाना कमाते थे, अब डेढ़ से दो लाख रुपये कमा रहे हैं।” वर्मा वर्षभर में 30 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने में सक्षम हैं। वर्ष 2020 में योगी सरकार की अनुशंसा पर केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा था।

किसान पाठशाला में नवाचार की सीख

कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, सतीश शर्मा, सुरेश राही और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने यहां लगे कृषि स्टालों का निरीक्षण किया, किसानों को ट्रैक्टरों की चाबियां व चेक वितरित किए। कृषि विभाग ने किसानों से आह्वान किया कि वे अपने जनपद की किसान पाठशाला में भाग लेकर नई तकनीक, 60 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप, 40–50 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र, बागवानी, रेशम पालन, पशुपालन और मधुमक्खी पालन जैसी योजनाओं का लाभ उठाएं।प्रदेश में अब तक 1.90 करोड़ किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

प्रदेश में नए कृषि युग का शुभारंभ

किसान पाठशाला के इस कार्यक्रम ने स्पष्ट कर दिया कि आधुनिक तकनीक, पारदर्शी नीतियां और खेत पर आधारित नीति-निर्माण ने उत्तर प्रदेश की कृषि को नए युग में प्रवेश करा दिया है। मुख्यमंत्री योगी का संदेश भी साफ था कि किसान मजबूत होगा तो प्रदेश मजबूत होगा, और किसान की समृद्धि ही उत्तर प्रदेश के विकास की असली धुरी है।

मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसान पद्मश्री राम सरन वर्मा सहित किसान पंकज कुमार सिंह, संजय कुमार यादव, संतोष कुमार सिंह, अमित मिश्रा, गुरुदत्त सिंह, गुरु तेग सिंह, दिनेश चंद्र वर्मा, राम अकबाल वर्मा और बबलू कश्यप को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

लाभार्थी भी हुए सम्मानित

देशराज, दिनेश प्रताप सिंह, धीरेंद्र वर्मा, अजय कुमार वर्मा, अखिलेश कुमार, चंद्रशेखर प्रजापति, गुरदेव सिंह और बबलू कश्यप आदि लाभार्थियों को डेमो चेक और चाबी देकर सम्मानित किया।

( जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की रही गरिमामई उपस्थिति )

इस मौके पर कैबिनेट कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, ईफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी, प्रभारी मंत्री/ राज्य कारागार मंत्री सुरेश राही, राज्य मंत्री खाद एवं रसद सतीश शर्मा, जिला प्रभारी एमएलसी अवनीश सिंह पटेल, राज्य मंत्री कृषि बलदेव सिंह औलख, एससी/एसटी अयोग अध्यक्ष अध्यक्ष बैजनाथ रावत, भाजपा जिला अध्यक्ष राम सिंह वर्मा उर्फ भुल्लन, जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, विधायक हैदरगण दिनेश रावत, विधायक कुर्सी साकेंद्र प्रताप वर्मा, विधायक रुदौली राम चंद्र यादव, एमएलसी उमेश द्विवेदी, एमएलसी अंगद सिंह, पूर्व सांसद प्रियंका रावत व उपेंद्र रावत, पूर्व विधायक शरद अवस्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव कृषि श्री रवीन्द्र, डीजी/एडीजी जोन श्री सुजीत पाण्डेय,मंडलायुक्त अयोध्या श्री राजेश कुमार, आईजी अयोध्या श्री प्रवीण कुमार, डीएम श्री शशांक त्रिपाठी, एसपी अर्पित विजयवर्गीय, जॉइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम रामनगर गुंजिता अग्रवाल, जॉइंट मजिस्ट्रेट श्री तेजस के0, एडीएम निरंकार सिंह, एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, एसडीएम नवाबगंज आनंद कुमार तिवारी, एसडीम फतेहपुर कार्तिकेय सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक अमला उपस्थित रहा।

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